Janskati Samachar
देश

विवादित ढांचे ने आडवानी को कहीं का नहीं छोड़ा, राष्ट्रपति पद की दौड़ से हुए बाहर!

विवादित ढांचे ने आडवानी को कहीं का नहीं छोड़ा, राष्ट्रपति पद की दौड़ से हुए बाहर!
X

अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवानी राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर हो गए हैं। राममंदिर आंदोलन में उनके साथ रहे मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती सरीखे नेताओं के लिए भी मुश्किलें खड़ी हो गई है।


ताज़ा अपडेट्स के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें


मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद लोगों का मानना है कि जिस प्रकार भारतीय जनता पार्टी को खड़ा करने के लिए आडवाणी ने दिन रात मेहनत की और उसको इस स्थिति तक पहुंचाया कि आज देश में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार है, उसको देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा को उन्हें कम से कम राष्ट्रपति बनाकर उनका सम्मान करना चाहिए।


Facebook पर हमारे पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करें


लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा आडवाणी समेत भाजपा और विहिप के 14 नेताओं पर अयोध्या विवादित ढांचा ढहाने की साजिश का मुकदमा चलाने का आदेश देने के बाद परिस्थितियां बदल गई हैं। इस मामले से भले ही आडवाणी को बरी कर दिया जाए लेकिन सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मुकदमा पूरा करने का समय निर्धारित किया गया है और राष्ट्रपति के चयन के संबंध में बहुत देर हो चुकी है।


जुलाई 2017 में प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल खत्म हो रहा है। नरेन्द्र मोदी सरकार में मंत्री उमा भारती को आपराधिक मुकदमे का सामना करते हुए मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है। सुप्रीम कोर्ट का निर्देश पूर्व में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के लिए एक ठहराव के रूप में है जो पार्टी के मार्गदर्शक मंडल में शामिल हैं जिन्हें मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद मंडल में भेज दिया था।

Next Story
Share it