RTI से हुआ सनसनीखेज़ खुलासा: अमित शाह जिस बैंक के निदेशक थे उसमें नोटबंदी के दौरान सबसे ज्यादा जमा हुए पुराने नोट
BY Jan Shakti Bureau22 Jun 2018 10:33 AM GMT
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Jan Shakti Bureau22 Jun 2018 4:07 PM GMT
8 नवंबर 2016 दिन मंगलवार रात के 8 बजे..। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अचानक से पुराने 500 और 1000 के नोट को चलन से बाहर करने का एलान कर दिया था। देखते ही देखते पूरे देश में तहलका मच गया, लोग हक्के-बक्के रह गए कि अब क्या होगा। नोटबंदी के फैसले का असर ना सिर्फ देश के लोगों पर बल्कि अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा जो देश आजतक भुगत रहा है। हजारों कंपनियां बंद हो गई, लाखों लोग बेरोजगार हो गए। उस वक्त का आलम कुछ ऐसा था कि लोग अपनों पैसों के लिए लोग तरस रहे थे।
नोटबंदी से आम लोग हुए बर्बाद
लेकिन इन सबके बीच नोटबंदी के दौरान का वो सच सामने आया है जिसको जानने के बाद आपके पैरों तलों से जमीन खिसक जाएगी। आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह जिस सहकारी बैंक के निदेशक थे, उस में नोटबंदी के दौरान सबसे ज्यादा 500 और 1000 रुपए के नोट जमा कराया गया था। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक में नोटंबदी के एलान के पांच दिन के भीतर 745.59 करोड़ रुपए रोजाना जमा हुए थे। 31 मार्च 2017 तक बैंक में कुछ 5,050 करोड़ रुपए जमा हुए थे और वित्त वर्ष 2017-18 में बैंक का शुद्ध मुनाफा 14.31 करोड़ रुपए रहा था। हालांकि नोटबंदी की घोषणा के पांच दिन बाद सभी जिला सहकारी बैंकों को प्रतिबंधित नोट जमा करने से मना कर दिया गया था, क्योंकि यह आशंका जताई गई थी कि सहकारी बैंकों के जरिए काले धन को सफेद किया जा सकता है। हैरानी की बात तो ये है कि रोक के बावजूद सहकारी बैंक में पैसे जमा कराए गए और दावा किया जा रहा है कि कालेधन को सफेद किया गया।
अमित शाह के बैंक ने काले धन को सफेद किया !
मुंबई के आरटीआई कार्यकर्ता मनोरंजन एस. रॉय की माने तो नोटबंदी के बाद पहली बार राज्य सहकारी बैंकों और जिला केंद्री सहकारी बैंकों में जमा रकम की जानकारी का खुलासा आरटीआई के जरिए हुआ है। हैरानी की बात तो ये है कि अमित शाह जिस सहकारी बैंक के निदेशक थे, उस बैंक में सबसे ज्यादा प्रतिबंधित नोट जमा कराए गए। इस बैंक के अध्यक्ष गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी की सरकार के कैबिनेट मंत्री जयेशभाई विलभाई रडाड़िया हैं। इससे पहले साल 2000 में अमित शाह भी इस सहकारी बैंक के अध्यक्ष रह चुके हैं।
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