Janskati Samachar
देश

औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि के बजाय आई कमी, मोदी सरकार का 'मेक इन इंडिया' नारा भी हो रहा फेल

औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि के बजाय आई कमी, मोदी सरकार का मेक इन इंडिया नारा भी हो रहा फेल
X

नोटबंदी और अन्यं आर्थिक नीतियों का नकारात्मक प्रभाव अर्थव्यवस्था पर अभी तक जारी है. शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार जून में औद्योगिक उत्पादन (Industrial Production) में वृद्धि के बजाय 0.1 फीसदी की कमी हुई. एक तरफ ये सरकार मेक इन इंडिया की बात करती है और दूसरी तरफ औद्योगिक उत्पादन में कमी आ रही है. गौरतलब है कि, देश की अर्थव्यवस्था में औद्योगिक क्षेत्र का चौथाई फीसदी का हिस्सा है. अगर इसी तरह चलता रहा तो मोदी सरकार के लिए चालू वर्ष में 7.5 फीसदी का विकास लक्ष्य पाना मुश्किल हो सकता है. जानकारों के अनुसार वस्तु और सेवा कर के लागू होने, अहम क्षेत्रों में वृद्धि दर कम रहने, नोटबंदी का असर अभी भी खत्म न होने और आधार अवधि का प्रभाव उच्च रहने के चलते जून में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) का प्रदर्शन खराब रहा. मई की तुलना में जून में विनिर्माण क्षेत्र के 23 में से 15 उद्योग समूहों की विकास दर नकारात्मक रही है.


पूंजीगत सामान बनाने वाले उद्योगों में लगातार तीसरे महीने गिरावट हुई है. जानकारों के अनुसार ऐसा निजी पूंजी निवेश न होने से हुआ है. सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के मुताबिक बुनियादी उद्योगों यानी 'कोर सेक्टर' के विकास संबंधी आंकड़े भी ख़राब रहे हैं. दस दिन पहले जारी आंकड़ों के अनुसार जून में कोर सेक्टर की विकास दर केवल 0.4 फीसदी रही, यह पिछले 19 महीने में सबसे कम थी. बता दे कि, 'कोर सेक्टर' के विकास सम्बन्धी आकड़ों से विनिर्माण, खनन और बिजली क्षेत्र के उद्योगों की विकास दर मापी जाती है.

Next Story
Share it