वरुण गाँधी का मोदी सरकार पर हमला, कहा- किसान खुदखुशी कर रहे सरकार सांसदों का वेतन बढ़ाने में ही लगी है!
BY Jan Shakti Bureau3 Aug 2017 3:03 AM GMT
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Jan Shakti Bureau3 Aug 2017 3:03 AM GMT
लोकसभा में किसानों की खुदकुशी का मामला उठाते हुए वरुण गांधी ने कहा कि पिछले एक दशक में ब्रिटेन के 13 प्रतिशत की तुलना में हमने अपने वेतन 400 प्रतिशत बढ़ाए हैं, क्या हमने सही में इतनी भारी उपलब्धि अर्जित की है? जबकि हम अपने पिछले दो दशक के प्रदर्शन पर नजर डालें तो मात्र 50 प्रतिशत विधेयक संसदीय समितियों से जांच के बाद पारित किए गए हैं। जब विधेयक बिना किसी गंभीर विचार-विमर्श के पारित हो जाते हैं, तो यह संसद के होने के उद्देश्य को पराजित करता है। विधेयक को पारित करने की हड़बड़ी राजनीति के लिए प्राथमिकता दिखाती है, नीति के लिए नहीं।
41 प्रतिशत बिल सदन में चर्चा के बिना ही पारित किये गये। देश में किसानों की समस्या और उनके खुदकुशी के मामलों का जिक्र करते हुए वरूण गांधी ने लोकसभा में मांग उठाई कि देश के इस तरह के हालात में सांसदों को स्वयं का वेतन बढ़ाने का अधिकार नहीं होना चाहिए और इसके लिए ब्रिटेन की संसद की तर्ज पर एक बाहरी निकाय बनाया जाना चाहिए जिसमें सांसदों का हस्तक्षेप नहीं हो। वरुण ने कहा कि वेतन के संबंध में मामलों को बार-बार उठाया जाता है, यह मुझे सदन की नैतिक परिधि के बारे में चिंतित करता है। पिछले एक साल में करीब 18,000 किसानों ने आत्महत्या की है। हमारा ध्यान कहां हैं? उन्होंने कहा कि कुछ सप्ताह पहले तमिलनाडु के एक किसान ने अपने राज्य के कृषकों की पीड़ा पर क्षोभ प्रकट करते हुए राष्ट्रीय राजधानी में आत्महत्या का प्रयास किया। पिछले महीने इसी राज्य के किसानों ने अपने साथी किसानों की खोपड़ियों के साथ यहां प्रदर्शन भी किया था।
इस सबके बावजूद तमिलनाडु की विधानसभा ने गत 19 जुलाई को बेरहमी से असंवेदनशील अधिनियम के माध्यम से अपने विधायकों की तनख्वाह को दोगुना कर लिया। आपको बता दें कि दरअसल इस बार संसद के मानसून सत्र में राज्यसभा में सांसदों की वेतन बढ़ाने की मांग उठी थी। सांसदों का कहना था कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद उनका वेतन सरकार के सचिव से भी कम हो गया है। समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल ने इसकी शुरुआत की और तो बाद में कांग्रेस के आनंद शर्मा ने उनके सवाल को सही ठहराते हुए उनका साथ दिया। आनंद शर्मा ने कहा था कि भारतीय सांसदों को दुनिया के जनप्रतिनिधियों के मुकाबले सबसे कम वेतन मिलता है। वरुण गांधी का कहना था कि विधायक और सांसद अधिकतर पहले से ही अमीर होते हैं और ऐसे में वेतन बढ़ाने की मांग जायज नहीं लगती है।
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