नीतीश कैबिनेट में महिला-मुस्लिम को नहीं मिला सम्मान: 1-1 महिला-मुस्लिम, 3 यादव, 9 सवर्ण, 5 दलित और 6 ईबीसी मंत्री!
BY Jan Shakti Bureau29 July 2017 5:42 PM GMT
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Jan Shakti Bureau29 July 2017 5:42 PM GMT
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने छठे कार्यकाल में आज (29 जुलाई को) पहला मंत्रिमंडल विस्तार किया। इसमें 27 लोगों को मंत्री बनाया गया है। मंत्रिमंडल विस्तार में नीतीश कुमार ने जातीय, सामाजिक और भौगोलिक समीकरणों का खासा ध्यान रखा है। 29 सदस्यों वाले नीतीश मंत्रिमंडल में सबसे ज्यादा पिछड़े वर्ग से आने वाले लोगों को जगह दी गई है।
मुख्यमंत्री ने तीन यादव नेताओं को मंत्री बनाया है, जबकि पांच दलित, दो कोइरी, नौ सवर्ण (भूमिहार, ब्राह्मण और राजपूत), छह अतिपिछड़ा, एक बनिया, एक कुर्मी (स्वजातीय) और एक मुस्लिम चेहरे को मंत्रिमंडल में जगह दी है। नीतीश कुमार ने भौगोलिक संतुलन का भी ध्यान मंत्रिमंडल विस्तार में रखा है।
उन्होंने अपनी मंत्रिपरिषद में मगध, अंग, सीमांचल, मिथिलांचल, चंपारण और भोजपुरी इलाके के बीच संतुलन बनाने की भरसक कोशिश की है। नीतीश ने एक महिला को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया है। इसके अलावा उन्होंने अधिकतम युवाओं की टीम बनाई है।सियासी रणनीति की भी झलक नीतीश के मंत्रिमंडल पर साफ दिखती है।
उन्होंने यादव बहुल इलाके मधेपुरा, सहरसा, सुपौल से भी मंत्री बनाया है। इसके अलावा उनका जोर अतिपिछड़ा और दलितों-महादलितों पर भी रहा है। माना जा रहा है कि नीतीश ने बीजेपी के साथ मिलकर मिशन 2019 के लिए रणनीति चाल चलते हुए ही मंत्रिमंडल का स्वरूप इतना व्यापक बनाया है।
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