Janskati Samachar
राजनीति

Bihar Assembly Election Results 2020: बिहार में बन रही है तेजस्वी सरकार? ये 12 सीटें जिन पर होंगी सबकी नजर

वैशाली जिले के राघोपुर विधानसभा से राजद नेता और महागठबंधन की तरफ से सीएम पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव चुनाव लड़ रहे हैं। यह राजद का गढ़ माना जाता रहा है। लेकिन साल 2010 में पूर्व सीएम राबड़ी देवी यहां से चुनाव हार गई थी।

Bihar Assembly Election Results 2020: बिहार में बन रही है तेजस्वी सरकार? ये 12 सीटें जिन पर होंगी सबकी नजर
X

पटना: "अबकी बार किसका बिहार?" ये सवाल बीते कई महीनों से बिहार की सियासी फिजाओं और लोगों की जुबान पर तैर रहा है। मंगलवार 10 नंवबर को ये इंतजार खत्म हो जाएगा। सुबह 8 बजे से जनता द्वारा ईवीएम में कैद नेताओं की किस्मत के पिटारे खुलने शुरू हो जाएंगे और चढ़ते दिन के साथ ये स्पष्ट हो जाएगा कि इस बार राज्य की जनता ने सत्ता की चाभी "युवराज" को सौंपी है या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भरोसा बरकरार रखा है। कोरोना महामारी के बीच राज्य में तीन चरणों में चुनाव संपन्न 7 नवंबर को संपन्न हुए हैं।

इस बार चुनावी मैदान में सीएम की रेस में प्रमुख दावेदार के तौर पर महागठबंधन का चेहरा और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, एनडीए की तरफ से मौजूदा सीएम नीतीश कुमार और नई नवेली प्लुरल पार्टी की मुखिया और लंदन से पढ़ाई कर लौटने वाली पुष्पम प्रिया चौधरी हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) और मायावती की पार्टी बसपा के साथ 6 दलों ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा है और ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेक्युलर फ्रंट की तरफ से पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा को सीएम पद का दावेदार बनाया है। जनअधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव को प्रगतिशील लोकतांत्रिक गठबंधन ने मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित कर मैदान में उतारा है। राज्य में एनडीए से अलग होकर 143 सीटों पर दिवंगत नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी चिराग पासवान की अगुवाई में चुनाव लड़ रही है। हालांकि, चिराग ने खुद को सीएम पद के लिए घोषित नहीं कर रखा है।

राज्य की एक दर्जन से अधिक हॉट सीटें, जिस पर टिकेंगी हर किसी की नजर

राघोपुर विधानसभा

वैशाली जिले के राघोपुर विधानसभा से राजद नेता और महागठबंधन की तरफ से सीएम पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव चुनाव लड़ रहे हैं। यह राजद का गढ़ माना जाता रहा है। लेकिन साल 2010 में पूर्व सीएम राबड़ी देवी यहां से चुनाव हार गई थी। लेकिन, 2015 में जब राजद ने एनडीए का साथ छोड़ने वाली पार्टी जेडीयू की अगुवाई में चुनाव लड़ा था और राघोपुर से तेजस्वी यादव को मैदान में उतारा था, वो जीत दर्ज करने में सफल रहे। लालू यादव ने भी यहीं से साल 1995 में चुनाव लड़ा था। क्षेत्र में करीब 3.17 लाख मतदाता हैं। यहां से तेजस्वी को टक्कर देने के लिए भाजपा की तरफ से सतीश कुमार को मैदान में उतारा है। सतीश 2015 में यहां से हार गए थे। इस साल भाजपा और लोजपा ने मिलकर चुनाव लड़ा था। अब देखना होगा कि यहां से तेजस्वी के तेवर कितने असर दिखाते हैं।

इमामगंज विधानसभा

हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जितनराम मांझी एनडीए के सहयोगी दल हैं, जिन्हें सात सीटें जेडीयू के खाते से मिली है। गया जिले के इमामगंज विधानसभा से वो अपनी किस्मत आजमां रहे हैं। वहीं, मांझी को टक्कर देने के लिए महागठबंधन की तरफ से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदयनारायण चौधरी मैदान में हैं। ये आरक्षित सीट है। चौधरी यहां से पांच बार विधायक रह चुके हैं।

पटना साहिब

मौजूदा पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव को एनडीए ने पटना साहिब से मैदान में उतारा है। यह सीट भाजपा के लिए सुरक्षित मानी जाती रही है। यादव को टक्कर देने के लिए मैदान में कांग्रेस की तरफ से प्रवीण सिंह को उतारा है। यहां से विभिन्न दलों के 12 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। नंद किशोर यादव दो बार यहां से बाजी मार चुके हैं।

बोचहां विधानसभा

पूर्व भूमि सुधार मंत्री और परिवहन मंत्री रमई राम मुजफ्फरपुर के बोचहां विधानसभा से आठ बार विधायक रह चुके हैं। जेडीयू से नाता तोड़ इस बार वो राजद की पिच से बैटिंग कर रहे हैं। टक्कर में एनडीए की सहयोगी पार्टी वीआईपी ने मुशाफिर पासवान को मैदान में उतारा है। वीआईपी एनडीए का घटक दल है और 11 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

सिमरी बख्तियारपुर

सन् ऑफ मल्लाह के नाम से खुद को राजनीतिक पटल पर रखने वाले वीआईपी प्रमुख मुकेश साहनी पहली बार विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत सिमरी बख्तियारपुर सीट से आजमां रहे हैं। वहीं, राजद ने साहनी के सामने यूसुफ सलाउद्दीन को उतारा है। महागठबंधन से नाराज होने के बाद साहनी ने एनडीए का दामन थामा है।

चेरिया-बरियारपुर

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम के बाद विवादों में घिरने वाली पूर्व सामाजिक कल्याण मंत्री मंजू वर्मा जेडीयू की तरफ से बेगुसराय के चेरिया-बरियारपुर से चुनाव लड़ी हैं। वर्मा को चुनौती देने के लिए राजद से राजवंशी महतो ने चुनाव लड़ा है।

मोकामा विधानसभा

मोकामा से बहुचर्चित बाहुबली अनंत सिंह राजद की तरफ से चुनाव मैदान में हैं। अनंत सिंह को टक्कर देने के लिए नीतीश कुमार ने राजीव लोचन को मैदान में उतारा है। यहां से अनंत सिंह का दबदबा दशकों से रहा है। 2015 वो निर्दलीय चुनाव लड़े थे।

जमुई विधानसभा

यहां से भाजपा ने श्रेयसी सिंह को मैदान में उतारा है। जबकि राजद ने वर्तमान विधायक विजय प्रकाश को महागठबंधन की तरफ से भरोसा जताया है। यह सीट इस लिए अहम माना जा रहा ह क्योंकि श्रेयसी सिंह नेशनल सूटर रही हैं और केंद्रीय मंत्री स्व. दिग्विजय सिंह की पुत्री हैं। जबकि विजय प्रकाश पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश नारायण के छोटे भाई हैं।

हसनपुर विधानसभा

समस्तीपुर के हसनपुर से राजद सुप्रीमो लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ताल ठोक रहे हैं। वहीं, जेडीयू ने राजकुमार राय को मैदान में उतारा है। पिछली बार राजकुमार राय यहां से जीते थे।

बांकीपुर विधानसभा

पटना का बांकीपुर विधानसभा सीट खूब सुर्खियों में रहा हैं। इस सीट से अभिनेता और पूर्व सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा ने कांग्रेस के टिकट पर चुनावी लड़ा हैं। वहीं, एनडीए की तरफ से मौजूदा विधायक नितिन नवीन हैं। यह सीट और भी दिलचस्प इस लिए है क्योंकि मार्च में अखबार के छपे विज्ञापन के जरिए बिहार के अगले सीएम की दावेदारी करने वाली प्लुरल्स पार्टी की अध्यक्ष पुष्पम प्रिया चौधरी हैं।

परसा विधानसभा

सारण जिले का परसा विधानसभा क्षेत्र खास है। लालू के समधी और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रिका राय को जेडीयू ने यहां से उतारा है। वहीं, लालू के समधी को टक्कर देने के लिए आरजेडी से छोटे लाल राय हैं।

मधेपुरा विधानसभा

यहां से जाप के अध्यक्ष और मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव मैदान में हैं। उनको टक्कर देने के लिए जेडीयू ने निखिल मंडल पर भरोसा जताया है। जबकि राजद की तरफ से प्रो. चंद्रशेखर मैदान में हैं। भले ही पार्टी ने इन नेताओं पर भरोसा जताया है लेकिन मतगणना के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि आखिर जनता ने किस पर भरोसा जताया है।

Next Story
Share it