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बिहार

नीतीश सरकार की शराबबंदी की खुली पोल, शराब पीने से 13 की मौत!

नीतीश सरकार की शराबबंदी की खुली पोल, शराब पीने से 13 की मौत!
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गोपालगंज: बिहार में नीतीश सरकार की शराबबंदी की पोल खुल गई है. बिहार के गोपालगंज जिले में संदिग्ध हालत में 13 लोगों की मौत हो गई जबकि कई लोग गंभीर रूप से बीमार हो गए हैं. इस घटना के पीछे जहरीली शराब पीना वजह बताई जा रही है. पुलिस और जिला प्रशासन हालांकि इस बात से इनकार कर रहा है.

शराब के कारण नहीं बल्कि बीमारी से हुई मौत

मरने वालों के घरवालों का आरोप है कि शराब पीने से सभी की मौत हुई है लेकिन गोपालगंज पुलिस का कहना है कि मौत शराब के कारण नहीं हुई है बल्कि बीमारी से हुई है. इस घटना के बाद शराब बेचने के आरोप में एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है.

पुलिस के मुताबिक, गोपालगंज जिले में संदिग्ध परिस्थिति में 10 लोगों की मौत हो गई है. कुछ पीड़ित लोगों को इलाज के लिए गोरखपुर भेजा गया है.

मंगलवार की है घटना

शराब बंद करके नीतीश ने पेट्रोल का भाव बढ़ा दिया लेकिन बिहार में शराब बंद नहीं हुई है. गोपालगंज में शराब पीने से 13 लोगों की मौत की घटना मंगलवार की है.

गोपालगंज के जिलाधिकारी राहुल कुमार ने सदर अस्पताल पहुंचकर चिकित्सकों से बात की. इस दौरान उन्होंने बताया कि अभी तक 10 लोगों की मौत हो गई है जबकि एक अन्य पीड़ित का सदर अस्पताल में इलाज चल रहा है.

जहरीली शराब पीने से मौत की घटना के विषय में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "शवों का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही मौत की वजहों के सही कारणों का पता चल सकेगा."

अवैध शराब भट्ठी से पी थी शराब

मृतक के परिजनों के मुताबिक, कई लोगों ने मंगलवार सुबह नगर थाना क्षेत्र के हरखुआ में संचालित एक अवैध शराब भट्ठी से शराब पी थी और दोपहर के बाद सभी की हालत बिगड़ने लगी.

सभी को सदर अपताल में भर्ती कराया गया जहां मंगलवार देर रात तक सात जबकि बुधवार तड़के तीन लोगों की मौत हो गई.

पुलिस के मुताबिक, सभी मृतक नगर थाना के नोनिया टोली, पुरानी चौक, हरखुआ के रहने वाले हैं जबकि एक और मृतक उचकागांव थाना के दहिभाता का निवासी है.

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सभी लोगों को हुई थी पेट दर्द और उल्टी

परिजनों के मुताबिक, मंगलवार को इन सभी लोगों को पेट दर्द और उल्टी हुई थी. तो वहीं जिलाधिकारी ने कहा कि पूरे मामले की जांच के लिए एक समिति गठित कर दी गई है. उल्लेखनीय है कि बिहार में अप्रैल महीने से सभी प्रकार की शराबा बिक्री और इसके सेवन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

गोरखपुर किया गया रेफर

जिन लोगों की मौत हुई है उनमें से चार लोग एक ही मोहल्ले के थे. स्थानीय लोगों का कहना है कि कई लोगों को तो निजी अस्पताल में भी भर्ती कराया गया है तो कुछ लोगों को गोरखपुर के अस्पताल में भी रेफर किया गया है.

कुर्सी जाने का खतरा

बिहार में नीतीश कुमार ने शराबबंदी को नाक का सवाल बनाया हुआ है, लेकिन अब सवाल ये है कि बिहार में जब शराब पर बैन है तो इन लोगों को शराब कहां से और कैसे मिली. प्रशासन फिलहाल शराब से मौत की बात कहने से हिचक रहा है क्योंकि अधिकारियों को कुर्सी जाने का खतरा है.

पुलिस ने 50 बोतल शराब के साथ एक शख्स को पकड़ा है. शराब को लेकर नीतीश कुमार ने सख्त कानून बना रखा है. ऐसे में कुछ अधिकारियों पर कार्रवाई तय है.

इससे पहले 10 थानों के थाना प्रभारी को शराब मिलने के बाद हटा दिया गया था जिसके बाद से राज्य भर के पुलिस वाले पहले से ही सरकार के नियम के खिलाफ खड़े हैं.

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