मध्यप्रदेश के 68% MLA नहीं लगे बैंक की कतार में
BY Suryakant Pathak14 Dec 2016 7:50 AM IST
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Suryakant Pathak14 Dec 2016 7:50 AM IST
आम जनता अपने ही पैसों के लिए बैंकों के चक्कर लगा रही है। शादी में खर्च कम कर रहे हैं। बिजनेस ठप पड़ गया है, नौकरियां जा रही हैं। लेकिन क्या प्रभावशाली लोगों पर नोटबंदी का कोई असर पड़ा है? पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि बड़े-बड़े लोग कतार में लगे हैं, लेकिन क्या उनका यह दावा सच है।
46% विधायकों ने पहले कभी ऑनलाइन पेमेंट नहीं किया। हालांकि कहते हैं पीएम ने कहा है, इसलिए अब करेंगे। वे यह भी मानते हैं कि उन्हें कैशलैस लेनदेन के सिस्टम में आने के लिए वक्त लगेगा। ज्यादातर मंत्री भी डेबिट और क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल नहीं करते। बावजूद इसके उन्हें नोटबंदी से कोई दिक्कत नहीं हुई।
नोटबंदी के बाद 68% विधायकों को नकद राशि के लिए न तो बैंक के चक्कर लगाने पड़े और ना ही एटीएम की लाइन में लगना पड़ा। जो खाते से रकम निकालने बैंक गए भी, उन्हें आधा घंटा से ज्यादा का समय नहीं लगा।
ऐसा नहीं कि केवल बीजेपी के विधायकों पर नोटबंदी का असर नहीं हुआ।
कांग्रेस के विधायकों पर भी कोई असर नहीं पड़ा। क्योंकि कांग्रेस के ज्यादातर विधायक न तो बैंक के दरवाजे पर गए अौर ना ही एटीएम की लाइन में लगे।
यह बात भी निकल कर आई कि केवल 11% विधायकों पर नोटबंदी का असर हुआ है। जिन्होंने अपना घर खर्च कम कर दिया और फिजूलखर्ची पर रोक लगा दी। जबकि 9% ने एग्रीकल्चर को अपनी इनकम का जरिया बताते हुए तर्क दिया कि उन्हें नोटबंदी से कोई दिक्कत नहीं हुई।
मंत्रियों, सांसदों और विधायकों से सवाल पूछे गए
Q 1.नाेटबंदी के बाद घर खर्च कैसे चल रहा है?
Q 2.डेबिट कार्ड/ ऑनलाइन पेमेंट करते हैं? हां तो कितनी बार यूज किया ?
Q 3.क्या कैश के लिए कतार में लगना पड़ा?
Q 4.क्या अब कैश ट्रांजेक्शन पूरी तरह से बंद कर देंगे?
Q 5.आठ नवंबर से पहले भी क्रेडिट कार्ड या ऑन लाइन पेमेंट किया था?
ऐसे मिले जवाब
ज्यादातर ने कहा- घर का खर्च घटा दिया है, फिजूलखर्ची पर भी रोक लगाई है।
52% ने कहा-डेबिट/क्रेडिट कार्ड का यूज करते हैं ।
68% विधायक नहीं लगे कतार में जो लगे आधा घंटा से ज्यादा नहीं।
46% का मानना है फैसला लागू करने में समय लगेगा।
56 % ने कहा 8 नवंबर से पहले भी करते रहे ऑनलाइन पेमेंट।
घर खर्च घटा पर सरकारी खर्चे बरकरार, 11% विधायकों पर ही नोटबंदी का असर
लेसकैश ट्रेनिंग में रुचि ही नहीं:
विधानसभा में लेसकैश के लिए पिछले सप्ताह ट्रेनिंग हुई, जिसमें सिर्फ दो मंत्री और पांच विधायक पहुंचे
अब शादियों में कैश की जगह उपहार:
विधायक एक दिन में कई शादियां अटेंड करते हैं। पहले हर जगह कैश देते थे। अब कहीं कैश तो कहीं चैक और उपहार भी दे रहे हैं।
हाईटेक नहीं सरकार, जनता से उम्मीदें बरकरार
मंगलवार को पहली बार आया डेबिड कार्ड का नंबर...
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा ने बताया कि पहली बार डेबिट कार्ड के लिए एप्लिकेशन दी थी।
ंगलवार को ही नंबर आया है। नोटबंदी के बाद अधिकांश पेमेंट चैक से किया। कैश ट्रांजेक्शन पूरी तरह बंद तो नहीं करेंगे, लेकिन कोशिश होगी ज्यादा से ज्यादा पेमेंट क्रडिट कार्ड से हो।
ढाई साल में एक बार इस्तेमाल किया क्रेडिट कार्ड...
वित्त मंत्री जयंत मलैया ने बताया कि ढाई साल पहले एसबीआई का क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किया था, जब दोस्तों के साथ होटल में खाना खाने के दौरान।
पुराने नोट बच्चों ने बैंक से बदलवा लिए, इसलिए फिलहाल कोई दिक्कत नहीं हुई।
एमपी, एमएलए के लिए ऑन लाइन ट्रांजेक्शन अनिवार्य हो
िजिटल पेमेंट का ज्यादातर विधायकों को एक्सपीरियंस नहीं है। ऐसे में आम नागरिकों को ऑन लाइन ट्रांजेक्शन के लिए इनकरेज नहीं किया जा सकता है।
- सीनियर वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह पहले एमपी, एमएलए और ब्यूरोक्रेट्स के लिए 100% ऑनलाइन ट्रांजेक्शन अनिवार्य किया जाए।
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