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उत्तर प्रदेश

योगीराज: शिक्षामित्रों के बाद अब राज्य कर्मचारियों ने दी आंदोलन की चेतावनी!

योगीराज: शिक्षामित्रों के बाद अब राज्य कर्मचारियों ने दी आंदोलन की चेतावनी!
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लखनऊ। नई सरकार को चार महीने का समय देने के बाद राज्य कर्मचारी विभिन्न मुद्दों को लेकर आंदोलन की राह पर चल पड़े हैैं। यूं तो उनके पास विरोध के कई बिंदु हैं लेकिन, खास तौर पर उन्हें 50 साल से अधिक उम्र के कर्मचारियों की स्क्रीनिंग और वेतन समिति भंग करने की कोशिश परेशान कर रही है। इसके अलावा कैशलेस इलाज जैसी सुविधाएं फाइलों से बाहर नहीं आ पा रहीं, जबकि सरकार की तरफ से कर्मचारियों के साथ अब तक नियमित बातचीत शुरू न होने से भी उनकी बेचैनी बढ़ रही है। कई मांगों पर शासनादेश जारी होने के बाद भी पालन न होने के कारण प्रदेश सरकार के चार महीने के कार्यकाल से निराश राज्य कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मुख्य सचिव राजीव कुमार को ज्ञापन सौंपने के साथ ही आंदोलन की घोषणा कर दी है।



राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्र ने सोमवार को प्रेसवार्ता कर बताया कि पांच सितंबर तक मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों के साथ बैठक करके शासनादेशों का पालन नहीं कराया तो प्रदेश के लाखों राज्य कर्मचारी छह सितंबर को जिला मुख्यालयों पर एक दिवसीय धरना देंगे और जिलाधिकारियों के जरिये मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजेंगे। इस पर भी सुनवाई न हुई तो कार्यकारिणी की बैठक में अगले आंदोलन की घोषणा कर दी जाएगी। परिषद अध्यक्ष सुरेश कुमार रावत ने कहा कि सरकार बदले की भावना से उम्रदराज कर्मचारियों को जबरन सेवानिवृत्त करने की कोशिश कर रही है तो उधर वेतन विसंगतियों पर तैयार रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री समय नहीं दे रहे हैैं।



इसी तरह न तो केंद्र के समान भत्ते देने पर निर्णय हो पा रहा है और न ही कैशलेस इलाज की व्यवस्था लागू हो रही है। इसके अलावा कई अन्य मांगें लंबित हैं। इस मौके पर मौजूद कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष वीपी मिश्र ने मुख्यमंत्री से कर्मचारियों के साथ सामंजस्य बना कर चलने और आंदोलन टालने की मांग की। रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद की ओर से मौजूद गिरीशचंद्र मिश्र ने भी आंदोलन को समर्थन की बात कही।

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