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योगी सरकार ने 70 हजार नौकरियों पर झटके में लगाई रोक, अखिलेश यादव ने शुरू किया था 70 हजार सरकारी नौकरी देने की प्रक्रिया!
BY Jan Shakti Bureau6 July 2017 6:00 PM IST
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Jan Shakti Bureau6 July 2017 6:48 PM IST
लखनऊ। भाजपा ने अपनेचुनावी घोषणा पत्र में युवाओं को रोज़गार देने का वादा किया था। भाजपा के केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी कहा था की सूबे में भाजपा की सरकार बनने से 70 लाख युवाओं को रोज़गार मिलेगा। लेकिन 100 दिन गुज़र जाने के बाद भी फिलहाल सियासी जाल में 70 हज़ार नौकरियां फंस के रह गयी हैं।भाजपा सरकार के गठन होते ही समाजवादी पार्टी में शुरू हुई क़रीब 70 हज़ार लोगों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी खटाई में चली गयी है। अलग-अलग नौकरियों के लिए इम्तिहान पास करने के बाद भी वे आज बेरोज़गार हैं। इन युवाओं को पोस्टिंग मिलनी थी, लेकिन नई सरकार ने नियुक्तिओं की जांच करने के लिए पूरी भर्तियों पर रोक लगा दी। असमंजस बकरार है की नौकरी में जिनका सिलेक्शन हुआ था उन्हें नौकरी मिलेगी भी की नहीं। कई लोग अब धरने-प्रदर्शन पर उतर आए हैं लेकिन फिलहाल उनकी कोई सुन नहीं रहा है।
अखिलेश सरकार में होनी थी भर्तियां
अखिलेश सरकार में इन्होंने नौकरी के लिए लिखित परीक्षा, फिजिकल टेस्ट, ग्रुप डिस्कशन और इंटरव्यू वगैरह पास किया। बस जब अपॉइंटमेंट लेटर मिलना बचा था तो सरकार बदल गयी। नई सरकार ने भर्ती पर रोक लगा दी। इन नौकरियों में फिजिकल एजुकेशन टीचर की 32,000, प्राइमरी शिक्षक की 12,460, उर्दू टीचर की 4,000, यूपी पब्लिक सर्विस कमीशन की 4,000, सबोर्डिनेट सर्विस सिलेक्शन कमीशन की 11,500, दरोगा की 4,000 और होम गार्ड की 138 नौकरियां शामिल हैं।
बीपीएड संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप यादव ने कहा कि एक तरफ तो सीएम योगी और पीएम मोदी योग को बढ़ावा दे रहे हैं। करोड़ों रूपए खर्च किये जाते हैं। खुद योग कर जनता को इसके लिए प्रोत्साहित करते हैं लेकिन जब तक शारीरिक शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होगी, जो गरीब परिवारों के बच्चे स्कूल में पढ़ रहे हैं, उनको योग कैसे सिखाया जा सकता है।
क्या कहना है योगी सरकार का
योगी सरकार का पक्ष है कि अखिलेश सरकार के दौरान भर्तियों में बहुत बड़े पैमाने पर गड़बडि़यां हुई हैं। तमाम भर्तियों पर अदालतों ने रोक लगाई थी। बात यूपी पब्लिक सर्विस कमीशन की करें तो उसके चेयरमैन को तक भर्तियों में घोटाले के इल्जाम में अदालत ने ही हटाया। ऐसे में इन भर्तियों में पारदर्शिता और ईमानदारी कैसे मान ली जाए। इसकी जांच की जा रही है। पारदर्शी व्यवस्था में निष्पक्ष नियुक्तियां होंगी। योग्य अभ्यर्थियों को स्थान मिलेगा।
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