Home > प्रदेश > उत्तर प्रदेश > "मरते दम तक अखिलेश के साथ रहने वाली पंखुड़ी पाठक" को मीडिया पैनलिस्ट में नहीं मिली जगह तो छोड़ दी पार्टी, लगाए गंभीर आरोप!
"मरते दम तक अखिलेश के साथ रहने वाली पंखुड़ी पाठक" को मीडिया पैनलिस्ट में नहीं मिली जगह तो छोड़ दी पार्टी, लगाए गंभीर आरोप!
BY Jan Shakti Bureau28 Aug 2018 6:42 AM GMT

X
Jan Shakti Bureau28 Aug 2018 6:42 AM GMT
लखनऊः समाजवादी पार्टी की नई मीडिया पैनलिस्ट में पंखुड़ी पाठक का नाम शामिल नहीं होने के कारण उन्होंने पार्टी से किनारा कर लिया है। पंखुड़ी पाठक ने कहा कि मैं सपा से अपने संबंध खत्म कर रही हूं। पिछले कुछ समय से पार्टी में चल रही राजनीति में मेरा दम घुटने लगा है। पंखुड़ी पाठक ने ट्वीट कर लिखा है कि- भारी मन से सभी साथियों को सूचित करना चाहती हूं कि @samajwadiparty के साथ अपना सफर का मैं अंत कर रही हूं।
भारी मन से सभी साथियों को सूचित करना चाहती हूँ कि @samajwadiparty के साथ अपना सफ़र मैं अंत कर रही हूँ।8 साल पहले विचारधारा व युवा नेतृत्व से प्रभावित हो कर मैं इस पार्टी से जुड़ी थी लेकिन आज ना वह विचारधारा दिखती है ना वह नेतृत्व। जिस तरह की राजनीति चल रही है उसमें अब दम घुटता है
— Pankhuri Pathak (@pankhuripathak) August 27, 2018
8 साल पहले विचारधारा व युवा नेतृत्व से प्रभावित हो कर मैं इस पार्टी से जुड़ी थी लेकिन आज ना वह विचारधारा दिखती है ना वह नेतृत्व। जिस तरह की राजनीति चल रही है उसमें अब दम घुटता है। उन्होंने लिखा कि मुझे पता है कि इसके बाद मेरे बारे में तरह तरह की अफवाहें फैलाई जाएंगी लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहती हूं कि मैं किसी भी राजनैतिक दल से सम्पर्क में नहीं हूं ना ही किसी से जुड़ने का सोच रही हूं। अन्य जिम्मेदारियों के चलते जो उच्च शिक्षा अधूरी रह थी अब उसे पूरा करने का प्रयास करूंगी।
मुझे पता है कि इसके बाद मेरे बारे में तरह तरह की अफ़वाहें फैलायी जाएँगी लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहती हूँ कि मैं किसी भी राजनैतिक दल से सम्पर्क में नहीं हूँ ना ही किसी से जुड़ने का सोच रही हूँ।अन्य ज़िम्मेदारियों के चलते जो उच्च शिक्षा अधूरी रह थी अब उसे पूरा करने का प्रयास करूँगी।
— Pankhuri Pathak (@pankhuripathak) August 27, 2018
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा कि अगर मैं अपने सिद्धांतों और स्वाभिमान की लड़ाई नहीं लड़ सकी तो समाज के जरूरतमंदों की लड़ाई कैसे लड़ूंगी? यह मतभेद वैचारिक है, व्यक्तिगत नहीं। किसी व्यक्ति या दल से विश्वास उठ जाए तो परे हो जाना ही बेहतर है। राजनीति ही तो सब कुछ नहीं.. और भी तरीके हैं समाज सेवा करने के। बता दें कि, सोमवार को समाजवादी पार्टी ने अपने प्रवक्ताओं की नई लिस्ट जारी करने का ऐलान किया था। नई लिस्ट में 24 लोगों को समाजवादी पार्टी का पक्ष रखने के लिए अधिकृत किया गया था। लेकिन इस नई लिस्ट में पंखुड़ी पाठक का नाम नहीं था।
Next Story