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उत्तर प्रदेश

राष्ट्रपति चुनाव के बाद CM योगी का इस्तीफा देना तय! जानिए फिर क्या होगा?

राष्ट्रपति चुनाव के बाद CM योगी का इस्तीफा देना तय! जानिए फिर क्या होगा?
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गोरखपुरः योगी आदित्‍यनाथ के मुख्‍यमंत्री बनने के बाद रिक्‍त हो चुकी गोरखपुर सदर संसदीय सीट पर सबकी नजर है। हर कोई यह जानना चाहता है कि गोरखपुर सदर लोकसभा सीट पर भाजपा के टिकट का दावेदार कौन होगा। फिलहाल भाजपा के साथ-साथ मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने यह पत्‍ते अभी नहीं खोलें हैं कि उनका कौन खास इस सीट का हकदार होगा।


सूत्रों की मानें तो राष्ट्रपति चुनाव के बाद सीएम योगी सांसद पद से अपना इस्तीफा दे देंगे। बता दें कि यूपी के CM योगी आदित्यनाथ अभी यूपी में किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। नियमों के मुताबिक उन्हें 6 महीने के अंदर विधान परिषद या विधानसभा दोनों में से किसी एक सदन का सदस्य बनना होगा।


भाजपा की बात करें तो पहला नाम गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र से विधायक डॉक्टर राधामोहन दास अग्रवाल का सामने आता है। माना जा रहा है कि वर्ष 2002 से लगातार 4 बार से गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र से विधायक बन रहे डा. राधा मोहन दास अग्रवाल की छवि काफी अच्‍छी है। शीर्ष नेतृत्‍व में उनकी पकड़ भी काफी ऊपर तक है। वहीं इस रेस में दूसरा नाम डॉक्टर वाईडी सिंह का आता है। पूर्व एमएलसी और पेशे से बाल रोग विशेषज्ञ वाईडी सिंह का नाम हालांकि अभी इस रेस से बाहर है। योगी के कार्यक्रमों में बढ़ी उनकी सक्रियता इस बात की ओर इशारा कर रही है कि हो सकता है कि भाजपा उन्‍हें गोरखपुर संसदीय सीट का चेहरा बनाकर मैदान में उतारना चाहती हो। क्‍योंकि जनता के बीच उनकी छवि भी काफी अच्‍छी है और वह इस सीट के प्रबल दावेदारों में से एक हैं।


तीसरा बड़ा नाम पूर्व मुख्‍यमंत्री वीर बहादुर सिंह के पुत्र और कभी मायावती के दाहिने हाथ माने जाने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री फतेह बहादुर सिंह का आता है। वह बसपा छोड़ने के बाद से ही मंदिर की शरण में आ गए थे। हालांकि उन्‍होंने पिछला चुनाव एनसीपी के टिकट पर गोरखपुर की कैम्पियरगंज विधानसभा सीट से लड़ा था और जीत हासिल की थी। पर इस बार भाजपा ने उन्‍हें टिकट देकर मैदान में उतारा और वह भाजपा और योगी आदित्‍यनाथ के विश्‍वास पर भी खरे उतरे।


इसके बाद सबसे प्रबल दावेदारों में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के खास कहे जाने वाले और उनके प्रतिनिधि रह चुके सहजनवां विधायक शीतल पाण्‍डेय का नाम आता है। वह पहली बार गोरखपुर की सहजनवां विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते। साथ ही योगी के मुख्‍यमंत्री बनने के बाद ही उन्‍होंने योगी के लिए यह सीट छोड़ने का ऐलान कर दिया था।


गौरतलब है कि गोरखपुर संसदीय सीट योगी आदित्यनाथ की अजेय सीट है, लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ को नियमानुसार इस सीट को छोडऩा पड़ेगा। योगी यहां से लगातार 5 बार से सांसद चुने जा रहे हैं। अब योगी सांसद पद से इस्तीफा देने के बाद विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे। विपिन सिंह ने भी योगी के लिए अपनी सीट छोडऩे की कवायत पेश की है।

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