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उत्तर प्रदेश

मोदीराज के तीन साल: नहीं आए काशी के 'अच्छे दिन': पढ़ें पूरी खबर

मोदीराज  के तीन साल: नहीं आए काशी के अच्छे दिन: पढ़ें पूरी खबर
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वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन वर्षों के कार्यकाल में उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी को अरबों रुपये की बिजली, परिवहन, उर्जा, पेयजल जैसी बुनियादी योजनाओं की सौगातें तो मिलीं, लेकिन उनके अभी तक पूरा न होने के चलते यहां की जनता 'अच्छे दिन' की उम्मीद लिये आज भी दशकों पुरानी समस्याओं से जूझने को मजबूर है।


काशी विश्वविद्यालय के प्रो0 अवध किशोर पांडेय के मुताबिक मोदी प्रधानमंत्री के तौर पर काफी सफल कहे जा सकते हैं लेकिन वाराणसी के विकास के लिए हजारों करोड़ रुपये की बहुत-सी योजनाओं पर भले ही काम चल रहा हो, लेकिन यहां की ट्रैफिक, पेयजल, बिजली एवं सफाई जैसी बुनियादी समस्याएं लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुईं हैं। प्रो0 पांडेय का कहना है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद अब वाराणसी की जनता की मोदी से अपेक्षाएं और बढ़ गईं हैं।अब लोग बिजली, पानी, सफाई और कानून व्यवस्था की स्थिति में और सुधार की अपेक्षा पहले से अधिक कर रहे हैं।


वही भाजपा का आरोप है की उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार के नाकरात्मक व्यवहार के कारण केंद्र सरकार की परियोजनाओं के पूरा होने में कुछ देरी हुई, लेकिन राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद तमाम विकास परियोजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है। जल्दी ही उसका लाभ जनता को मिलना शुरू हो जाएगा। भाजपा का आरोप है कि पूर्व की सपा सरकार राजनीतिक कारणों से केंद्र सरकार की योजनाओं पर अड़ंगा लगा रही थी, जिससे काम पूरे नहीं हुए। बुनकरों की स्थिति बेहतर बनाने के लिए ट्रेड फैसिलिटी सेंटर का एक हिस्सा बनकर तैयार हो गया है, इसके पूरी तरह से तैयार होने के बाद हजारों बुनकरों की आर्थिक स्थिति बेहतर होगी।


दूसरी ओर,कांग्रेस की टिकट पर वाराणसी संसदीय क्षेत्र से मोदी से चुनावी मुकाबला कर चुके पिंडरा विधानसभा के पूर्व विधायक अजय राय कहते हैं, 'तीन सालों में कोई एक काम बतायें, जिसे मोदी सरकार ने वाराणसी में पूरा किया हो।' उनका कहना है कि जनता को 'जुमले' एवं 'झूठे सपने' दिखाने वाले मोदी के तीन वर्षों के कार्यकाल के दौरान धीरे-धीरे ही सही, अब सच्चाई से पर्दा उठने लगा है। हर साल दो करोड़ बेरोजगारों को नौकरी का वादा किया गया था, लेकिन सच्चाई यह है कि नौकरियां देने के बजाये अब लोगों से नौकरियां छीनी जा रही हैं। राय का कहना है कि मोदी ने सांसद आदर्श गांव योजना के तहत जयापुर एवं नागेपुर को गोद लिया था, जिससे वहां के लोगों को 'अच्छे दिन' की उम्मीद जगी थी, लेकिन उन गांवों के एक भी नौजवान को न तो काम मिला और न ही वहां बुनियादी सुविधाओं में कोई बड़ा बदलाव हुआ।


हां, गांव में सोलर लाइट, सफाई, सड़क बनाने जैसे कुछ काम हुए हैं, लेकिन उसकी गुणवत्ता ठीक नहीं है। उनका कहना है कि गंगा में वाराणसी के रामनगर से हल्दिया तक मालवाहक जहाज से एक बार माल ढुलाई कर दिखावा किया गया, लेकिन उसके बाद दूसरी खेप आज तक पूरी नहीं हुई। बंदरगाह निर्माण करने का काम भी धीमी रफ्तार से चल रहा है।

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