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उत्तर प्रदेश

गोरखपुर बच्चों की हत्या: इलाहाबाद में मौन जुलूस, गोरखपुर में पुतला फूंका

गोरखपुर बच्चों की हत्या: इलाहाबाद में मौन जुलूस, गोरखपुर में पुतला फूंका
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गोरखपुर। गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में हुई नन्हे बच्चों की मौतों ने हर संवेदनशील नागरिक को हिला दिया है। इसके विरोध में गोरखपुर और इलाहाबाद समेत कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हुए और स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे की मांग की गई। इलाहाबाद तो गोरखपुर के नजदीक ही है। दोनों को ही पूर्वांचल का बड़ा हिस्सा माना जाता है। शुक्रवार रात जैसे ही बच्चों की मौत की खबर इलाहाबाद में आना शुरू हुई, नागरिकों में खलबली मचने लगी। बहुत शार्ट नोटिस पर इलाहाबाद के सचेत और जागरूक नागरिकों ने तुरंत मौन जुलूस का निर्णय लिया। और शनिवार शाम पांच बजे सिविल लाइंस में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की मूर्ति से पत्थर गिरजा तक मौन जुलूस निकाला।
जुलूस में मजदूर नेता डॉ. कमल उसरी, अजय भारती, अनिल वर्मा, केके पाण्डेय, हरिश्चंद्र द्विवेदी, पूर्व सांसद रामनिहोर राकेश, रामसिंह, अनु सिंह, सीमा आजाद, सुनील मोर्य, संध्या नवोदिता, पद्मा सिंह, अंशु मालवीय, आर.पी. कैथल, अशोक श्रीवास्तव, शम्स विकास सहित कई समाज सेवी, वकील, मजदूर नेता, कर्मचारी नेता और छात्र शामिल रहे।


प्रदर्शनकारी स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। गौरतलब है कि सिद्धार्थनाथ सिंह इलाहाबाद के ही हैं। इतना ही नहीं इसके लिए मुख्यमंत्री भी कम ज़िम्मेदार नहीं हैं, गोरखपुर तो उनका संसदीय क्षेत्र ही नहीं, उनका निवास भी है। इंसेफेलाइटिस से होने वाली मौतें उनके संज्ञान में लंबे समय से हैं और विपक्ष में रहते हुए उन्होंने इसे मुद्दा भी बनाया। हर चुनाव में यह मुद्दा बनता है और बाद में क्या होता है जनता को कुछ पता नहीं चलता। नन्हे बच्चों को मौन श्रद्धांजलि भी देते नहीं बन रहा, नन्ही मौतें बहुत भारी होती हैं। जीवन बचाने के लिए माँ बाप अपने लाडलों को अस्पताल लाते हैं। अस्पताल जो साँसे देते हैं, वही साँसे छीनने वाले बन जाएं तो !


गोरखपुर में भाकपा (माले) का प्रदर्शन

गोरखपुर मेडिकल कालेज में हुई बच्चों की मौतों पर स्वास्थ्य मंत्री व मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर भाकपा (माले) ने गोरखपुर पार्टी ऑफिस से मार्च किया और गोलघर काली मंदिर पहुंच कर मुख्यमंत्री का पुतला फूंका। इस मौके पर माले नेताओ ने कहा की गोरखपुर मेडिकल कालेज में हुई बच्चो की मौत आम मौत नहीं बल्कि प्रदेश सरकार द्वारा की गई हत्याएं हैं।

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