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उत्तर प्रदेश

"छप्पन भोग" के ठिकानों पर वाणिज्य कर ने मारा छापा, सरकार बदलते ही हुई कार्रवाई

छप्पन भोग के ठिकानों पर वाणिज्य कर ने मारा छापा, सरकार बदलते ही हुई कार्रवाई
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लखनऊ: वाणिज्य कर विभाग की जांच टीम ने गुरुवार को शहर के सबसे प्रतिष्ठित मिठाई कारोबारी छप्पन भोग के कैन्ट व एयरपोर्ट स्थित ठिकानों पर छापा-मारकर कच्चे माल की खरीद व बिक्री से जुड़े तमाम दस्तावेज सीज किए हैं। कार्रवाई के दौरान दुकान में रखा स्टाक भी नोट किया गया है। देर रात तक एसआईबी के अधिकारी सीज किए गए दस्तावेजों की जांच में जुटे हुए थे।

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हांलाकि कारोबारी द्वारा मिठाई व कुक्ड फूड पर अन्य कारोबारियों के मुकाबले काफी अधिक टैक्स दिया जा रहा था। जांच के दौरान बिल बुक व स्टाक रजिस्टर भी अधिकारियों ने कब्जे में लिए हैं। बिलिंग काउन्टर से जारी हुए बिलों की भी जांच की जा रही है कि कारोबारी द्वारा पहले हर साल 1 अप्रैल से 31 मार्च तक बढ़ते हुए क्रम में बिल जारी किए जा रहे थे कि नही।

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पूरी जांच रिकार्ड समय में पूरी की गयी, एसआईबी के अधिकारी 12.30 बचे छापा डालने निकले थे और सभी अधिकारी ठीक 2.15 बजे वापस कार्यालय में मौजूद थे। अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि फर्म में टैक्सचोरी हो भी रही थी कि नही।एडीशनल कमिश्नर-ग्रेड-2 अनंजय कुमार राय के निर्देश पर डिप्टी कमिश्नर एम.पी सिंह यादव, डा. भूपाल बहादुर सिंह, अजय श्रीवास्तव असिस्टेंट कमिश्नर कुंवर मृत्युंजय, विवेक उपाध्याय वाणिज्य कर अधिकारी राजीव राय व जे.पी वर्मा के साथ करीब दो दर्जन से अधिक अधिकारियों की टीम ने कैन्ट स्थित प्रतिष्ठान पर छापा मारा।

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यहां तीन मंजिल की इमारत में चल रहे प्रतिष्ठान में करीब 30 लोगों का स्टाफ काम करता है, मिठाई के साथ ही रेस्टोरेन्ट में कुक्ड फूड की भी बिक्री की जाती है। सभी बिक्री के बिल कम्प्यूटर बिलिंग सिस्टम के जरिए काटे जाते हैं। जांच के दौरान अधिकारियों ने 14 फीसद टैक्स के दायरे में आने वाले कुक्कड फूड की बिक्री के बिलों की जांच की। मिठाई व कुक्ड फूड को बनाने के लिए कारोबारी द्वारा की गयी खरीद के भी बिलों की जांच की गयी।

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अधिकतर मामलों में सामने आता है कि कारोबारी द्वारा एक दिन में 20 हजार से भी अधिक का कच्चा माल खपाया जाता है,लेकिन माह में जो बिक्री दिखायी जाती है वो कच्चे माल की खरीद से भी कम होती है। इसी तरह प्रतिष्ठानों में स्टाफ का वेतन व बिजली के बिलों की भी जांच की गयी, इसका आधार यह था कि कारोबारी प्रतिष्ठान में सुख सुविधा व स्टाफ के वेतन आदि पर ही दस लाख से भी अधिक का खर्च करते है।

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जबकि माल की बिक्री पांच लाख दिखाकर ही टैक्स देते हैं, यानी कारोबारी घाटे पर काम करना दिखाते हैं। इसके बाद डिप्टी कमिश्नर एम.पी सिंह यादव व असिस्टेंट कमिश्नर कुवर मृत्युंजय एयरपोर्ट पहुंचे यहां अधिकारियों को प्रवेश की अनुमति मिलने में करीब दो घंटे से भी अधिक का भी समय लग गया।

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