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उत्तर प्रदेश

मोदी सरकार ने लगाया भगवान श्री राम पर भी TAX, GST के दायरे में आये देवी देवता, जनता बोली, मुगलों से भी आगे निकली मोदी सरकार

मोदी सरकार ने लगाया भगवान श्री राम पर भी TAX, GST के दायरे में आये देवी देवता, जनता बोली, मुगलों से भी आगे निकली मोदी सरकार
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लखनऊ: मोदी सरकार ने 30 जून की देर रात जम्मू-कश्मीर को छोड़कर देश में जीएसटी लागू कर दिया। GST (Goods and Service Tax) लागू होते ही आम आदमी के साथ ही भगवान, देवी-देवता पर भी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का सीधा असर पड़ना शुरू हो गया है। देश में नया कर कानून लागू होते ही मूर्ति उद्योग भी इसके दायरे में आ गया है। अब मूर्ति उद्योग से जुड़े लोगों को 28 फीसदी टैक्स भरना होगा। नवरात्र, दशहरा, दीपावली और गणेश महोत्सव से पहले कानपुर के रावतपुर, गोल चौराहा, बर्रा, कल्याणपुर, परेड नवाबगंज और गुरुदेव पैलेस के साथ ही अन्य इलाकों में बड़े पैमाने पर भगवानों और राक्षसों की मूर्तियों का कारोबार होता है। बाहर से आए सैकड़ों कारीगर इन मुर्तियों को ढालने का काम करते हैं जिन्हें प्रदेश के साथ ही देश के दूसरे राज्यों में भेजा जाता है। लेकिन मोदी सरकार ने मूर्ति कारोबार पर भी 28 फीसदी का टैक्स लगाकर इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को ज़ोरदार झटका दिया है। कानपूर में हज़ारों घर-घर में मूर्ति कलाकर मूर्ति बनाते हैं। लेकिन जीएसटी लागू हो जाने के बाद अब इन घरों पर काम बंद हो गया है। कानपुर समेत समेत प्रदेश के करीब 20 से 25 जिलों में मूर्ति व्यवसाय होता है, जिससे लाखों लोग जुड़े हुए हैं। मूर्ति कला के नाम पर इन पर कभी टैक्स नहीं लगा। ज्यादातर साधु-संत मदिरों के लिए या फिर आम जनता पूजा-पाठ के लिए भगवान की मूर्तियां इनसे बनवाते हैं।


मूर्ति कारोबारियों ने जताया विरोध

मूर्ति कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि सरकार का यह निर्णय गलत है। चीन की सस्ती मूर्तियों की वजह से पहले से हम लोग मंदी की मार झेल रहे थे, अब नया कर लगाकर हमारी कमर तोड़ दी गई है। बर्रा के मूर्ति कारोबारी रमेश गुप्ता कहते हैं कि कानपुर में हर साल नवरात्र, दीपावली, दशहरा सहित अन्य त्योहारों में करोड़ों रुपए की मूर्तियां तैयार कर दूसरे राज्यों में भेजी जाती हैं। लेकिन कर लगने से अब इस कारोबार में बहुत बड़ा प्रभाव पड़ेगा। कहा, अंग्रेजों और मुगलों ने भी मूर्ति उद्योग पर टैक्स नहीं लगाया था, लेकिन भगवाधारियों ने सीधे 28 फीसदी टैक्स भगवान, राक्षसों की मूर्तियों पर लगा दिया है।


जीएसटी के दायरे में मूर्ति कारोबार के आने के चलते अब शहीदों की मूर्तियों की बिक्री के दौरान कर देना होगा। मोदी सरकार ने इन्हें भी कर के दायरे में लाकर खड़ा कर दिया है। साथ अपने दिवंगत माता-पिता की मूर्तियां बनवाने वालों को भी कर चुकता करना होगा। नवाबगंज के मूर्ति कारोबारी विशाल सिंह कहते हैं कि सरकार ने किसान, मजदूर, व्यापारी को इनकम टैक्स के दायरे में लाकर खड़ा कर दिया है। इनके इस कदम से छोटे कारोबारी बुरी तरह से प्रभावित होंगे। आने वाले समय में किसानों की तरह ये व्यापारी भी खुदकुशी करने पर मजबूर होंगे। मोदी सरकार अपने को हिन्दूवादी, देशभक्त सरकार के रूप में पेश करती है, लेकिन सबसे ज्यादा दोहन इन्हीं ने इस समाज का किया है। भगवाधारियों ने कहीं का नहीं छोड़ा।


एक और मूर्तिकार का कहना है की हमारे पास तो साधु-संत ही मूर्ति खरीदने आते हैं। हम पर तो मुगलों और अंग्रेजों ने भी कभी टैक्स नहीं लगाया, लेकिन हिंदूवादी सरकार ने ही टैक्स लगा दिया, इससे हमारा व्यापार चौपट हो जाएगा। राममूर्ति भंडार के अभय गुंप्ता का कहना है कि जब तक सरकार जीएसटी की 28 फीसदी दर वापस नहीं लेगी तब तक हम अपनी दुकानें नहीं खोलेंगे। अभय कहते हैं कि देवी-देवताओं के साथ राक्षसों की प्रतिमाएं बनाने में कानुपर का नाम देश विदेश में मशहूर है। यहां हर साल तकरीबन 500 करोड़ रुपये का मूर्ति कारोबार होता है। इसमें एक्सपोर्ट और घरेलू बाजार दोनों शामिल हैं। सपा सरकार में देवी देवताओं की प्रतिमाओं पर पांच फीसदी वैट लागू था। जीएसटी लागू होने के बाद भी इन प्रतिमाओं पर पांच फीसदी ही टैक्स रहा। कोई रियायत नहीं मिली है जबकि उम्मीद थी कि भाजपा सरकार में देवी देवताओं की प्रतिमाओं से टैक्स हटा दिया जाएगा।


देवी-देवता के अस्त्र-शस्त्र पर भी पांच फीसदी टैक्स

इतना ही नहीं देवी-देवताओं और राक्षसों की प्रतिमाओं के साथ लगने वाले अस्त्र-शस्त्र पर भी पांच फीसदी जीएसटी देना होगा। मसलन अगर आप भगवान श्रीराम की प्रतिमा लेंगे और उस पर धनुष सजाएंगे तो दोनों की खरीद पर आपको पांच फीसदी कर अदा करना होगा। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष हरिप्रकाश अग्निहोत्री ने कहा है कि भगवान श्रीराम के नाम पर श्रीराम मंदिर के लिए आंदोलन करने और धर्म के आधार पर राजनीति करने वाली भाजपा सरकार ने जीएसटी लागू करने में भगवान को भी नहीं बख्शा। देवी प्रतिमाओं और उनके अस्त्र शस्त्र पर पांच फीसदी का जीएसटी लागू हो गया। अब भाजपा नेता बताएं कि श्रीराम के नाम पर राजनीति करना ही है तो उनकी प्रतिमाओं और साजोसमान पर टैक्स क्यों लगाया गया? उन्हें टैक्स फ्री क्यों नहीं रखा गया।

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