Janskati Samachar
उत्तर प्रदेश

UP: 69 हज़ार शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड बीजेपी नेता गिरफ्तार, जानिए क्या है पूरा मामला

UP: 69 हज़ार शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड बीजेपी नेता गिरफ्तार, जानिए क्या है पूरा मामला
X

प्रयागराज: यूपी में 69 हजार शिक्षक भर्ती में पेपर लीक कर गड़बड़ी कराने के आरोपी बीजेपी नेता चंद्रमा सिंह यादव को सोमवार को एसटीएफ ने प्रयागराज से गिरफ्तार(Prayagraj BJP Leader Arrested In Teacher Recruitment Fraud) कर लिया है. गिरफ्तार नेता सूबे की योगी सरकार के एक कैबिनेट मंत्री का प्रतिनिधि भी रह चुका है. शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी कराने का वो मास्टरमाइंड माना जाता है.

चंद्रमा यादव की गिरफ्तारी न होने पर जांच एजेंसी यूपी एसटीएफ और सरकार की खासी किरकिरी हो रही थी. वो लम्बे समय से पुलिस और एसटीएफ के लिए चुनौती बना हुआ था. एसटीएफ की प्रयागराज यूनिट ने सोमवार शाम उसे सिविल लाइंस इलाके में हिन्दू हॉस्टल चौराहे के पास से गिरफ्तार किया है. एसटीएफ ने उसके पास से एक अदद मोबाइल फोन, आधार कार्ड और कुछ पैसे भी बरामद किए हैं.

चंद्रमा यादव को प्रयागराज में बीजेपी के रसूखदार नेताओं में जाना जाता है. वो लम्बे अरसे तक प्रयागराज से जुड़े यूपी के एक मौजूदा कैबिनेट मंत्री का प्रतिनिधि रहा है. चंद्रमा बीजेपी के किसान मोर्चे की प्रदेश कार्यसमिति का सदस्य रहा है तो साथ ही पार्टी की महानगर इकाई में उपाध्यक्ष भी रह चुका है. वो शहर के ही ट्रांसपोर्ट नगर इलाके में चलने वाले पंचम लाल आश्रम इंटर कालेज का संचालक भी है.

पहली से बारहवीं क्लास तक चलने वाले कॉलेज में सिर्फ 200 बच्चे ही पढ़ते हैं. पूरे कॉलेज में सिर्फ 12 कमरे हैं. चंद्रमा इससे पहले जनवरी महीने में टीईटी परीक्षा का पेपर लीक करने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. जून महीने के पहले हफ्ते में ही वो जमानत पर जेल से छूटा था, लेकिन उसी समय 69 हजार शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ था.

प्रयागराज पुलिस ने इस फर्जीवाड़े में गिरोह के सरगना डॉ केएल पटेल के साथ ही चंद्रमा यादव को भी नामजद किया था. प्रयागराज के सोरांव थाने में एफआईआर दर्ज होने और कई बड़ी मछलियों के जाल में फंसने के हफ्ते भर बाद ही न सिर्फ इस मामले की जांच एसटीएफ को सौंप दी गई थी, बल्कि तत्कालीन एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज का तबादला भी कर दिया गया था.

चंद्रमा यादव अपने रसूख का इस्तेमाल कर अपने कॉलेज को बड़ी परीक्षाओं का सेंटर बनवाता था. वो अपने सेंटर से ही पेपर लीक कर उसे केएल पटेल के साल्वरों से सॉल्व कराता था. चंद्रमा यादव का गैंग इन सॉल्व पेपर्स को ब्लूटूथ और दूसरी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के जरिए अभ्यर्थियों तक पहुंचाता था. इसके बदले यह लोग अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेते थे. कैबिनेट मंत्री से जुड़ा होने की वजह से करीब डेढ़ सौ दिनों तक फरार रहने वाले चंद्रमा को लेकर विपक्षी पार्टियां इस मामले पर खूब सियासत भी कर रहीं थीं.

Next Story
Share it