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उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में अफवाह का आतंक: चोटी कटने के पीछे हो सकते हैं ये 5 कारण

उत्तर प्रदेश में अफवाह का आतंक: चोटी कटने के पीछे हो सकते हैं ये 5 कारण
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देश के कई राज्यों में महिलाओं की चोटी कटने का सिलसिला जारी है। राजस्‍थान के एक गांव से शुरू हुए चोटी कटवा का खौफ अब हरियाणा होते हुए यूपी के कई जिलों में पहुंच चुका है। कुछ लोग इसे भूत-प्रेत का साया बता रहे हैं तो कोई कह रहा है कि इसके पीछे शरारती तत्वों का हाथ हो सकता है। बहुत से लोग इसे अफवाह भी मान रहे हैं। लेकिन घटना के कारण से अभी तक पर्दा नहीं उठ पाया। रहस्मयी तरीके से सोते समय महिलाओं के बाल कटने की घटनाओं में कई गांवों में डर का माहौल पैदा हो गया है। इस डर को दूर करने की कोशिश में हमने मामले की पड़ताल की। कुछ घटनाओं और मनोवैज्ञानिकों से ही बातचीत के आधार पर हमने पाया कि पांच कारणों से बाल कटने की घटनाएं हो सकती हैं-


चोटी कटने के पीछे हो सकती हैं ये 5 वजहें-

1-चोटी कटने की घटनाओं के एक पीछे एक कारण खुद बाल काटकर अफवाह फैलाना भी हो सकता है। ऐसा हम अनुमान नहीं लगा रहे बल्कि गोरखपुर से ऐसी घटना सामने आई है। यहां कैम्पियरगंज के मछलीगांव में चोटी काटने की घटना पुलिस की जांच में अफवाह निकली। किशोरी ने झाड़-फूंक के चक्कर में बीमारी ठीक करने के लिए अपनी चोटी खुद ही काटी थी। चोटी कटने पर कोई सवाल न करे इस वजह से उसने चोटी कटवा की अफवाह फैला दी थी। पुलिस ने झाड़-फूंक करने वाले सोखा पर मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है।


2- मामले पर मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि इसके बाद पीछे दो कारण हो सकते हैं। पहला कारण है- मॉस्ट हिस्टीरिया नाम की मानसिक समस्या। इस समस्या के तहत एक स्‍थान विशेष में रहने वाला पूरा समूह किसी अफवाह पर भरोसा कर लेता है और उसे सच मानने लगता है। और इसका परिणाम ऐसा होता है कि लोग इस तरह की हरकतें करने भी लगते हैं। इसी तरह एक बार मुंहनोचवा की खबर फैली थी जिसे आजतक किसी ने नहीं देखा। लेकिन अफवाह पर लोगों को इतना विश्वास हो गया कि सोते वक्त उन्हें लगने लगा कि कोई उन्हें नोचकर भाग रहा है।


3- मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, दूसरा कारण डिसोसिएटिव डिस्आर्डर का रोग हो सकता है। इस बीमारी से पीड़ित शख्स खुद ही ऐसे एक्शन लेता है और उसे लगता है कि उसके साथ कोई कुछ कर रहा है। ऐसे लोगों को सिर में भारीपन होने की शिकायत भी होती है। कोई शख्स अचेतन अवस्‍था में अपने शरीर को नुकसान भी पहुंचा लेता है जिसके बारे में उसे बाद में पता चलता है।


4- विशेषज्ञों के अनुसार, अभी तक सामने आई चोटी कटने की ज्यादातर घटनाएं ऐसे इलाकों से सामने आई हैं जहां शिक्षा का स्तर बहुत कम है या लोगों में जागरूकता की कमी है। ऐसे लोगों के साथ जब कोई समस्या होती है तो उस समस्या को समझने की बजाए कोई बहाना ढूंढ़ते हैं। और किसी अफवाह को समस्या का कारण बता देते हैं।


5- पांचवा कारण यह हो सकता है कि लोग किसी किसी तरह से परेशान हों और उससे छुटकारा पाने के लिए ऐसी अफवाह फैला दें। कहा जा रहा है जैसे-जब किसी बच्चे का स्कूल जाने का मन नहीं होता तो वह पेट दर्द का बहाना बनाता है उसी तरह से बहुत ज्यादा काम का बोझ या किसी अन्य कारण कोई बाल काटने का शोर मचा सकता है जिससे कि उसे उस मुश्किल से छुटकारा मिले। हालांकि इसके पीछे कुछ और कारण भी हो सकते हैं लेकिन कोई कहे कि कोई चुड़ैल बाल काट रही है तो इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। क्योंकि अंधविश्वास पर न तो किसी को भरोसा होगा और न ही इसे बढ़ावा दिया जा सकता।

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