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उत्तर प्रदेश

योगीराज:15 लाख के बाद लैपटॉप का वादा भी निकला जुमला, एक बार फिर ठगे गये प्रदेश के छात्र, अमित शाह कर गए थे लखनऊ में वादा!

योगीराज:15 लाख के बाद लैपटॉप का वादा भी निकला जुमला, एक बार फिर ठगे गये प्रदेश के छात्र, अमित शाह कर गए थे लखनऊ में वादा!
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लखनऊ. योगी सरकार के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने मंगलवार को 3.84 लाख करोड़ का बजट पेश क‍िया। इसमें 55,781 करोड़ रुपए की नई योजनाएं हैं। बजट में किसान, शिक्षा, पर्यटन को लेकर कई घोषणाएं की गई लेकिन विपक्षी पार्टियों ने बजट से जुड़े कुछ मुद्दों पर सरकार को घेरा है। चुनाव से पहले बीजेपी ने लैपटॉप संग फ्री इंटरनेट का वादा किया था लेकिन बजट में इसकी योजना का कोई जिक्र नहीं था। कांग्रेस ने इस पर कहा है कि विधानसभा चुनाव में भाजपा द्वारा जारी किये गये संकल्प पत्र में युवाओं के लिए जो घोषणाएं की गयी थीं उनमें से एक को भी पूरा नहीं किया गया है। लैपटॉप बांटने के सवाल पर बजट में कोई प्रावधान नहीं है और नये रोजगार सृजन के लिए भी बजट में कोई रोड मैप नहीं सुझाया गया है।


शिक्षा में यह मिला-


1 - लड़कियों को ग्रेजुएशन तक फ्री एजुकेशन दी जाएगी।
2 - अल्पसंख्यक स्टूडेंट्स की स्कॉलरशिप के लिए 791 करोड़ 83 लाख।
3 - स्कूलों में बच्चों को बैग बांटने के लिए 100 करोड़।
4 - स्कूलों में बच्चों को जूता, मोजा, स्वेटर बांटने के लिए 300 करोड़ का बजट है।
5 - बच्चों को यूनिफॉर्म और किताबों के लिए 124 करोड़ का बजट है।
6 - अहिल्याबाई निशुल्क शिक्षा योजना के लिए 21 करोड़ का बजट।

भाजपा ने किया था लैपटॉप का वादा

अखिलेश सरकार ने इंटरमीडिएट और हाईस्कूल परीक्षाएं उत्तीर्ण करने वाले मेधावियों को लैपटॉप भेंट करने के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किये थे। आवंटित धनराशि का एक प्रतिशत प्रशासनिक व्यय के लिए तय किया गया था। चुनाव से पहले यूपी में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने लोक कल्याण संकल्प-पत्र 2017 को पेश करते समय फ्री लैपटॉप योजना और एक साल तक फ्री इन्टरनेट डाटा देने का ऐलान किया था। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर युवाओं को योगी सरकार लैपटॉप का वादा करके कौसे भूल गई।


विपक्ष ने साधा निशाना

कांग्रेस कमेटी के मीडिया इंचार्ज व पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा विधानसभा में पेश किये गये बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बजट में दर्शाये गये घाटे को पूरा करने के लिए कोई सुझाव नहीं दिये गये हैं। जी.एस.टी. से होने वाली आय को बढ़ाचढ़ाकर बताया गया है। हाईवे के किनारे शराब की दुकाने हटाने से आबकारी विभाग को 5 हजार करोड़ का घाटा हुआ है उसे पूरा करने के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है। सही मायने में तो 2019 को ध्यान में रखते हुए उन्होंने यह बजट बनाया है। काशी, मथुरा और अयोध्या पर केवल फोकस किया है क्योंकि धर्म के नाम पर ही इन्हें वोट लेना है।


वहीं समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता डॉ. मधु गुप्ता ने योगी सरकार के बजट को निराशाजनक बताया है। उनके मुताबिक, जनता से योगी सरकार ने जो वादे किए थे उन्हें यह बजट पूरा करता हुआ दिखाई नहीं पड़ रहा है। किसानों के साथ सबसे बड़ा धोखा हुआ है। इसके अलावा बुंदेलखंड के लिए जो घोषणाएं हुई हैं वो अखिलेश सरकार साल 2012 में ही कर चुकी थी। दलित व पिछड़े वर्ग का बिलकुल ध्यान नहीं रखा गया।


राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव जयन्त चैधरी ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि बजट पूरी तरह से धोखा है कि इसमें किसानों के लिए कुछ नहीं है और पूर्वांचल और बुन्देलखण्ड की अनदेखी की गयी है। प्रदेश की जनता को सिर्फ निराषा ही हाथ लगी है किसानों, मजदूरों, महिलाओं को बजट से काफी उम्मीदे थी परन्तु बजट में जनसुविधाओं को अनेदखा किया गया है। प्रदेश के गन्ना किसानों को बकाया गन्ना मूल्य का ब्याज सहित भुगतान के लिए भी कोई सार्थक कदम नहीं उठाये इससे साबित होता है कि सरकार ने एक बार फिर जनता और किसानों के साथ छल किया है।

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