मिशेल ने कहा- मुझपर "विपक्ष" के बारे में जानकारी देने का दबाव बनाया जा रहा है
अगस्तावेस्टलैंड चॉपर डील घोटाला मामले में दलाली खाने के आरोपी क्रिश्चन मिशेल ने नया खुलासा किया है। 17 दिसंबर 2016 को मिशेल ने दावा किया है कि उस पर जांच एजेंसियों द्वारा घोटाले में विपक्ष से जुड़े लोगों की जानकारी देने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। मिशेल ने साफ-साफ तो उन लीडर्स के नाम नहीं लिए लेकिन इशारे में उसने गांधी परिवार की तरफ इशारा किया। उसने कहा कि उसने कभी भी गांधी परिवार के किसी सदस्य को कोई रिश्वत नहीं दी और यह कहना गलत होगा कि वह गांधी परिवार के किसी सदस्य को जानता है। मिशेल ने द संडे एक्सप्रेस से फोन पर बातचीत में यह दावा किया है। मिशेल को सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा 3546 करोड़ रुपये की चॉपर डील में गैरकानूनी तरीके से आर्थिक लाभ लेने का आरोपी बनाया गया है। वहीं सीबीआई की मांग पर इंटरपोल ने भी मिशेल के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था।
इसी साल अप्रेल में मिलान की एक कोर्ट ने फैसला दिया था कि मिशेल ने अगस्तावेस्टलैंड से डील को कराने के लिए 330 करोड़ रुपये की दलाली ली थी। बीते शुक्रवार को इटली की टॉप कोर्ट ने इस मामले में अपील करने की इजाजत दे दी है, जिस पर फैसला अगले 90 दिनों में दिया जा सकता है। इस पर मिशेल ने कहा कि मिलान कोर्ट का फैसला बंद दरवाजे के भीतर हुआ था जिसमें सुबूतों का गलत इस्तेमाल किया गया था। मिशेल ने आगे यह भी कहा कि उन्हें अब इटली की सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर का इंतजार जो उन्हें लोअर कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने की इजाजत देगा।
वहीं मिशेल से भारतीय जांच एजेंसियों को सहयोग करने के बारे में पूछा गया तो उसने कहा कि वह सीबीआई जांच के लिए तैयार है लेकिन इसके लिए उसने अपनी कुछ शर्ते बताईं। भारत आने के लिए मिशेल ने गिरफ्तार नहीं होने और उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस वापिस लेने की बात कही है। मिशेल ने कहा कि उस रेड कॉर्नर नोटिस से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में उसके खिलाफ भेजा गया नोटिस वापिस लिया जाए जैसा कि राल्फ गुइडो (हैशके, मामले में दलाली करने का दूसरा आरोपी) के केस में लिया गया है।