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CM शिवराज ने 40 मिनट इंतज़ार करवाने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया को दिया 10 मिनट का वक़्त, कांग्रेस ने पूछा आखिर सम्मान कितना गिराओगे

ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ हुए इस बर्ताव पर कांग्रेस बोली, बड़े बेआबरू होकर तेरे दर से वो निकले, अपमान के बाद अपने कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचे सिंधिया

CM Shivraj gave 10 minutes time to Jyotiraditya Scindia after waiting for 40 minutes
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भोपाल। बीजेपी के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया आज सुबह अपने दो दिवसीय दौरे पर भोपाल पहुंचे हैं। सिंधिया का यह दौरा मध्य प्रदेश कैबिनेट विस्तार के लिए अहम माना जा रहा था, क्योंकि वह सीएम शिवराज से मिलने वाले थे। हालांकि, अब खबर आ रही है मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें अपनी बात रखने तक का वक़्त नहीं दिया। बताया जा रहा है कि शिवराज ने सिंधिया को पहले तो 40 मिनट तक इंतजार करवाया, उसके बाद अपनी बात रखने के लिए मात्र 10 मिनट का समय दिया।

दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स में पहले खबरें आई थी कि सीएम और ज्योतिरादित्य की आज 45 मिनट तक मुलाकात होगी। इस दौरान दोनों नेता कैबिनेट विस्तार को लेकर चर्चा करेंगे और किसे कहां एडजस्ट करना है यह तय किया जाएगा। लेकिन हुआ बिल्कुल इसके उल्टा। जानकारी के मुताबिक शिवराज ने करीब 40 मिनट तक इंतज़ार करवाने के बाद सिंधिया से मुलाकात तो कर ली, लेकिन अपनी बात रखने के लिए महज 10 मिनट का समय दिया।

कभी कांग्रेस में जिस महाराज से मिलने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं की लाइन लगी रहती थी आज उन्हें सीएम शिवराज द्वारा समय न दिए जाने को लेकर मध्य प्रदेश के सियासी गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। बहरहाल सिंधिया ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर इस मुलाकात का ज़िक्र तक नहीं किया है। सीएम द्वारा उपेक्षित किए जाने के बाद सिंधिया पार्टी नेताओं से मिलने निकल पड़े, जिसके अपडेट्स लगातार ट्विटर के माध्यम से दे रहे हैं। इस दौरान वे बीजेपी जिलाध्यक्ष सुमित पचौरी, बीजेपी नेता गिरीश शर्मा और विधायक कृष्णा गौर के निवास पर भी गए।

बड़े बेआबरू होकर तेरे दर से निकले हम

सीएम शिवराज से बात करने के लिए पर्याप्त समय न दिए जाने को लेकर कांग्रेस ने पूछा है कि आखिर उनका सम्मान कितना गिराओगे। मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने एक शेर साझा करते हुए करारा तंज़ किया है। सलूजा ने ट्विटर पर लिखा है, 'उसूलों पर आँच आये तो टकराना ज़रूरी.. बड़े बेआबरू होकर तेरे दर से निकले हम...। शिवराज जी ने 40 मिनट इंतज़ार करवाने के बाद मिलने के लिए सिर्फ़ 10 मिनट दिये श्रीअंत को...। कांग्रेस में लोगों से इंतज़ार करवाते थे श्रीअंत ...। आख़िर उनका कितना सम्मान गिरवाओगे..?'

बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया के अपमान की खबरें आई हैं। पिछले 9 महीनों में ऐसी खबरें बार-बार आती रही हैं। प्रदेश में उपचुनाव के दौरान भी बीजेपी के मेनिफेस्टो में सिंधिया की तस्वीर नहीं थी, पार्टी मुख्यालय से लेकर चुनाव प्रचार रथ तक सिंधिया गायब थे। इस वजह से सिंधिया के नाराज होने की भी खबरें आईं, लेकिन सीएम शिवराज और पार्टी पर इसका कोई असर नहीं पड़ा।

इतना ही नहीं सिंधिया जब आज सुबह भोपाल पहुंचे तो एयरपोर्ट पर उनके स्वागत में भी बीजेपी के एक भी मंत्री या विधायक मौजूद नहीं थे। वहां सिर्फ सिंधिया के पुराने समर्थक तुलसी सिलावट, प्रभुराम चौधरी और गोविंद सिंह राजपूत ही पहुंचे थे। ऐसे में सियासी गलियारों में इस बात की भी चर्चाएं हैं कि इस तरह से अगर बीजेपी उनका अपमान करती रही तो वह भी चुप नहीं बैठेंगे।

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में उपचुनाव के बाद शिवराज कैबिनेट में 6 पद खली हैं। ऐसे में सिंधिया चाहते हैं कि इनमें उनके खेमे के लोगों को जगह मिले, वहीं रेस में बीजेपी के पुराने दिग्गज भी हैं। सिंधिया को इस बात की भी चिंता है कि उपचुनाव में हारने वालों को कहां एडजस्ट किया जाए। हालांकि, शिवराज ने उन्हें समय न देकर यह स्पष्ट कर दिया है कि कैबिनेट विस्तार में उनकी कुछ खास चलने वाली नहीं है.

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