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Republic TV के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी को नहीं मिली फिलहाल कोई राहत, हाई कोर्ट ने कही ये बात

Republic TV के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी को नहीं मिली फिलहाल कोई राहत, हाई कोर्ट ने कही ये बात
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नई दिल्ली: रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी (Republic TV editor in chief Arnab Goswami) को बड़ा झटका लगा है. बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने जमानत देने से इंकार कर दिया है. इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां कुमुद नाइक की आत्महत्या मामले में गिरफ्तार किए गए अर्नब गोस्वामी को कोर्ट ने जमानत देने से मना कर दिया है. न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति एमएस कार्णिक ने अपने फैसले को शनिवार को सुरक्षित रख दिया था. जिसे आज सुनाया गया.

अर्नब गोस्वामी के अलावा दो अन्य आरोपियों ने अंतरिम जमानत याचिका दायर की थी. 4 नवंबर को रायगढ़ पुलिस ने अर्नब को गिरफ्तार कर लिया था. न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की पीठ ने सोमवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि हाई कोर्ट की ओर से असाधारण क्षेत्राधिकार के इस्तेमाल का कोई केस नहीं बनाया गया था और रेग्युलर बेल के लिए विकल्प उपलब्ध है. बेंच ने कहा कि इसने साफ कर दिया है कि याचिकाकर्ता के लिए अन्य विकल्प मौजूद हैं. बेंच ने एक बार फिर दोहराया कि याचिकाकर्ता सेशन कोर्ट में याचिका दायर कर सकते हैं, जहां 4 दिन में आवेदन पर फैसला लिया जाएगा.

इससे पहले शनिवार को याचिकाओं पर दिनभर चली सुनवाई के बाद तत्काल कोई राहत दिए बिना फैसला सुरक्षित रख लिया था. गोस्वामी और दो अन्य आरोपियों फिरोज शेख और नीतीश सारदा ने अपनी 'अवैध गिरफ्तारी' को चुनौती देते हुए अंतरिम जमानत पर रिहा किए जाने की अपील की थी. अदालत ने शनिवार को कहा था कि इस मामले के लंबित रहने तक याचिकाकर्ताओं पर नियमित जमानत के लिए संबंधित निचली अदालत जाने पर रोक नहीं है. अदालत ने कहा था कि अगर ऐसी याचिकाएं दायर की जाती हैं तो सत्र अदालत याचिका दायर किये जाने के चार दिन के अंदर उन पर सुनवाई करके फैसला लें.

अर्नब के समर्थन में आए राज्यपाल

कोर्ट के ऑर्डर से पहले राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कोर्ट से अपील की है कि गिरफ्तारी और हिरासत के दौरान अर्नब से जिस तरह का व्यवहार महाराष्ट्र सरकार ने किया है उसका स्वत: संज्ञान लिया जाए. उधर, महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख से बात की है और अर्नब गोस्वामी के स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की. उन्होंने गृहमंत्री से यह भी कहा कि उनके परिवार को मिलने की इजाजत दी जाए.

अर्नब ने बताया जान का खतरा

इससे पहले अर्नब ने महाराष्ट्र पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए थे. रविवार सुबह अर्नब को अलीबाग से नवी मुंबई की तलोबा जेल में शिफ्ट किया जा रहा था. इस दौरान पुलिस वैन के अंदर से अर्नब ने चिल्ला-चिल्ला कर पत्रकारों को बताया कि उनकी जान को खतरा है. रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ ने बताया कि उन्हें उनके वकील से बात नहीं करने दिया जा रहा है और हिरासत में उन्हें टॉर्चर किया जा रहा है.

पुलिस वकील से नहीं करने दे रही बात: अर्नब

अर्नब गोस्वामी ने कहा "मैंने उनसे कई बार निवदेन किया कि मुझे मेरे वकीलों से बात करने दी जाए, लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं करने दिया. मैं सभी को बता रहा हूं कि मेरी जान को खतरा है. मेरी पुलिस कस्टडी खारिज कर दी गई थी. ये मुझे रात में ही शिफ्ट करने की कोशिश कर रहे थे. आज सुबह मुझे घसीटा गया. सभी देख रहे हैं कि मेरे साथ क्या हो रहा है. वे प्रक्रिया में देरी करना चाहते हैं, जिससे मुझे जेल में रखा जा सके. कृपया, मुझे जमानत दी जाए. मैं सुप्रीम कोर्ट से अपील कर रहा हूं."

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