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सांप्रदायिक झड़प के बाद पुलिस ने मुस्लिम परिवार का घर अवैध बताकर तोड़ डाला

रैली जब उज्जैन के मुस्लिम क्षेत्र बेग़म बाग़ से निकल रही थी तभी रैली में शामिल लोगों ने मुस्लिमों के ख़िलाफ़ भड़काऊ और आपत्तिजनक नारे लगाने शुरू कर दिए।

सांप्रदायिक झड़प के बाद पुलिस ने मुस्लिम परिवार का घर अवैध बताकर तोड़ डाला
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सांप्रदायिक झड़प के बाद पुलिस ने मुस्लिम परिवार का घर अवैध बताकर तोड़ डाला

जनशक्ति: मध्य प्रदेश के उज्जैन से हाल ही में एक मामला सामने आया है। जहां हिंदूवादी संगठनों के निकल रहे एक जुलूस को लेकर हुई तनातनी के बाद कुछ मुस्लिम घरों से जुसूल पर पत्थर फेंक दिए गए। पुलिस-प्रशासन के दल ने तुरंत ही ऐक्शन लेते हुए उस मुस्लिम परिवार के मकान को तोड़ दिया, जिसकी छत से पत्थर फेंके गए थे।

क्या है पूरा मामला

मामला बीजेपी शासित राज्य मध्य प्रदेश के शहर उज्जैन का है। आख़िर ऐसा क्या हुआ जो हिंदूवादी संगठनों के निकल रहे जुलूस पर की गई पत्थरबाज़ी ? घटना बीते शुक्रवार 26 दिसंबर की है। घटना मध्य प्रदेश के उज्जैन में एक मुस्लिम क्षेत्र बेगमबाग़ की है।

newsclick.in की ख़बर के अनुसार, अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के लिए धन संग्रह कार्यक्रम को लेकर उज्जैन में हिंदूवादी संगठनों द्वारा रैली निकाली जा रही थी। रैली जब उज्जैन के मुस्लिम क्षेत्र बेग़म बाग़ से निकल रही थी तभी रैली में शामिल लोगों ने मुस्लिमों के ख़िलाफ़ भड़काऊ और आपत्तिजनक नारे लगाने शुरू कर दिए। इसी को लेकर इतना विवाद बढ़ा कि घटना ने सांप्रदायिक रूप ले लिया। बेगम बाग़ के निवासी रहमान ने आरोप लगाया कि मुस्लिम परिवार का मकान बदले की भावना के चलते गिराया गया है।


रासुका की कार्रवाई प्रस्तावित

जैसे हमेशा की तरह होता आया है। अगर मामला हिंदू-मुस्लिम का है तो बवाल जल्द ही शांत नहीं होता। मामूली विवाद से शुरू हुई घटना ने देखते ही देखते बड़ा रूप ले लिया। बेगमबाग इलाक़े में जिन मुस्लिम घरों से जुलूस पर पत्थर फेंके गए थे। पुलिस-प्रशासन के दल ने उन्हें अवैध बताकर तोड़ डाला। मामले में पुलिस ने दो केस दर्ज किए हैं और 36 लोगों को आरोपित बनाया है। नौ को गिरफ्तार भी कर लिया गया है, वहीं चार के खिलाफ रासुका की कार्रवाई प्रस्तावित की गई है।

मकान तोड़ने की कार्रवाई के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों ने विरोध दर्ज कराया और धरने पर बैठे। मौके पर पहुंचे शहर काजी खलीकुर्रेहमान ने यहां तक कहा दिया कि अगर शहर की फिजा बिगड़ी तो हम जिम्मेदार नहीं होंगे। इस पर कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि अगर 10 मिनट में धरना खत्म नहीं हुआ तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों की समझाइश के बाद समाजजनों ने धरना-प्रदर्शन खत्म किया। इसके बाद शाम को मकान पूरी तरह से तोड़ दिया गया।

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