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उत्तराखंड के बाद अब कर्नाटक में भी बीजेपी के लिए चुनौती, सीएम येदियुरप्पा को हटाने की मांग

येदियुरप्पा पर लगातार निशाना साध रहे यतनाल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुख्यमंत्री निश्चित ही बदले जाएंगे। यदि भाजपा उनके साथ चुनाव लड़ती है, तो हार तय है।’’

उत्तराखंड के बाद अब कर्नाटक में भी बीजेपी के लिए चुनौती, सीएम येदियुरप्पा को हटाने की मांग
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भाजपा शासित उत्तराखंड में मुख्यमंत्री बदलने के बाद अब पार्टी के लिए कर्नाटक में भी चुनौती पैदा होती दिख रही है।दरअसल, भाजपा के बागी विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुप्पा पर फिर से निशाना साधते हुए दावा किया कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के बाद कर्नाटक के नेतृत्व में बदलाव ''निश्चित'' है, क्योंकि पार्टी उनके (येदियुरप्पा) नेतृत्व में आगामी चुनाव नहीं लड़ सकती। येदियुरप्पा पर लगातार निशाना साध रहे यतनाल ने संवाददाताओं से कहा, ''मुख्यमंत्री निश्चित ही बदले जाएंगे। यदि भाजपा उनके साथ चुनाव लड़ती है, तो हार तय है।''

उन्होंने कहा कि यदि भाजपा को कर्नाटक में अपना अस्तित्व कायम रखना है, तो येदियुरप्पा को बाहर करना आवश्यक है।विधायक ने कहा कि यह बदलाव पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद होगा।

उन्होंने मुख्यमंत्री पर ''पक्षपात'' करने का आरोप लगाते हुए कहा कि विधायकों को निधियों के ''समान बंटवारे नहीं'' किए गए। यतनाल ने कहा, "वह (येदियुरप्पा) विधायकों को समान रूप से धन वितरित नहीं करते हैं। वह भाजपा के केवल 38 विधायकों और कांग्रेस और जद (एस) के 40 विधायकों को फंड देते हैं।" अपने दावे को प्रमाणित करने के लिए, यतनाल ने कहा कि येदियुरप्पा ने विजयापुर में हवाई अड्डे के लिए 220 करोड़ रुपये दिए, जबकि अपने गृहनगर शिवमोग्गा में 380 करोड़ रुपये आवंटित किए। सिंचाई के लिए, 25,000 करोड़ रुपये आवंटित किए जाने थे, लेकिन इस बार के बजट में 5,600 करोड़ रुपये ही रखे गए।

अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने की जरूरत पर बल देते हुए,बागी विधायक ने कहा, "वह (येदियुरप्पा) दक्षिण भारत में भाजपा के अंतिम मुख्यमंत्री नहीं हैं। अगले 20 से 30 वर्षों के लिए एक और भाजपा के मुख्यमंत्री को शासन करना होगा। इसलिए हमें किसी ऐसे व्यक्ति को चुनना होगा जो ऐसा कर सके। ''

बता दें कि विजयपुरा के बीजेपी विधायक और पूर्व केंद्रीय मंत्री ने येदियुरप्पा के खिलाफ तब से बागी रूख अपनाया है जब से मुख्यमंत्री ने उन्हें छोड़कर अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया । येदियुरप्पा के प्रति वफादार कई विधायक पार्टी आलाकमान से उनके खिलाफ कार्रवाई करने और उनके आरोपों को खत्म करने के लिए कह रहे हैं। पार्टी हाईकमान ने यतनाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया था और विधायक ने भी जवाब दिया था। हालांकि, अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

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