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उत्तर प्रदेश

कृषि कानूनों को डेढ़ साल टालने के प्रस्ताव को किसानों ने ठुकराया, कहा किसानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा

किसान संगठनों ने केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों को फिलहाल निलंबित रखने के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है। किसान संगठन के नेताओं ने आज साझा बैठक के दौरान सोच विचार के बाद यह फैसला लिया है। किसान नेताओं ने अपनी मांग को दोहराते हुए कहा है कि कनून वापसी के अलावा किसी भी शर्त को वह नहीं मानेंगे।

The farmers said that the sacrifice of farmers will not go in vain
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कृषि कानूनों को डेढ़ साल टालने के प्रस्ताव को किसानों ने ठुकराया, कहा किसानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा

नई दिल्ली। किसान संगठनों ने केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों को फिलहाल निलंबित रखने के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है। किसान संगठन के नेताओं ने आज साझा बैठक के दौरान सोच विचार के बाद यह फैसला लिया है। किसान नेताओं ने अपनी मांग को दोहराते हुए कहा है कि कनून वापसी के अलावा किसी भी शर्त को वह नहीं मानेंगे।

सयुंक्त किसान मोर्चा ने बैठक के बाद आज शाम बयान जारी कर कहा, 'आम सभा में सरकार द्वारा कल रखे गए प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया गया है। तीनो केंद्रीय कृषि कानूनों को पूरी तरह रद्द करने और सभी किसानों को उनके फसल की एमएसपी सुनिश्चित करना हमारी प्रमुख मांगें हैं। हम अपनी मांगों को दोहराते हैं और केंद्र के प्रस्ताव को नामंजूर करते हैं।'

कल सरकार से होनी है 11वें दौर की वार्ता

किसान संगठनों ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब कल यानी शुक्रवार को केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच 11वें दौर की वार्ता होनी है। वार्ता के ठीक पहले किसान संगठनों ने केंद्र सरकार को यह संदेश देने का प्रयास किया है कि वे अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं। कृषि कानूनों को रद्द करने के अलावा वह किसी अन्य प्रस्ताव को मंजूर नहीं करेंगे।

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