कृषि कानून : राजघाट पर प्रदर्शन कर रहे दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी हिरासत में

नई दिल्ली। नए कृषि कानून के विरोध में राजघाट पर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ प्रदर्शन कर रहे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी को पुलिस ने हिरासत में लिया है। सभी प्रदर्शनकारियों को हरि नगर के खाटू श्याम स्टेडियम ले जाया जा रहा है। इससे पहले सोमवार सुबह कृषि कानून के खिलाफ पंजाब यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने इंडिया गेट पर प्रदर्शन किया। इंडिया गेट पर कांग्रेस के प्रदर्शन पर भाजपा ने निशाना साधा है।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कांग्रेस ने देश को शर्मसार किया, आज तक जनता ने आंदोलन देखे। लेकिन ट्रैक्टर लाकर इंडिया गेट के पास जलाना, कांग्रेस का नाटक है। भाजपा इसकी निंदा करती है। प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि जिस तरह किसान आंदोलन के नाम पर कांग्रेस राजनीतिक रोटियां सेंकने का काम कर रही है वो निंदनीय है।
वहीं, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि आज कांग्रेस ने दिल्ली में अपना असली रंग दिखा दिया। किसानों के नाम पर कुछ असामाजिक तत्व अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। ट्रैक्टर जलाने की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। वे किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
इससे पहले सोमवार सुबह कृषि कानून के खिलाफ पंजाब यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने इंडिया गेट पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों में कुछ किसान भी शामिल बताए जा रहे हैं। शहीद भगत सिंह की तस्वीर लेकर प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एक ट्रैक्टर में आग लगा दी। बताया जा रहा है कि यह ट्रैक्टर पंजाब से ही लाया गया था।
#WATCH: Punjab Youth Congress workers stage a protest against the farm laws near India Gate in Delhi. A tractor was also set ablaze. pic.twitter.com/iA5z6WLGXR
— ANI (@ANI) September 28, 2020
समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने पंजाब के रहने वाले पांच लोगों को हिरासत में लिया है। इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। कृषि सुधार का मार्ग प्रशस्त करने वाले इन तीनों विधेयकों को संसद ने मानसून सत्र में विपक्ष के जोरदार विरोध के बीच पारित किया था। नया कानून बन जाने के बाद किसान देश में कहीं भी अच्छी कीमत पर अपना उत्पाद बेच सकेंगे।
विधेयक का विरोध कर रहे विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति से इन्हें मंजूरी नहीं देने का अनुरोध किया था। जिस तरह से इन विधेयकों को संसद से पारित किया गया, उसे विपक्षी दल असंवैधानिक और संसदीय परंपराओं का अपमान बता रहे हैं।