बड़ी खबर: संशोधनों के बावजूद राज्यसभा में फिर लटका तीन तलाक बिल

Update: 2018-08-10 10:22 GMT

नई दिल्ली। तीन तलाक बिल को लेकर विपक्ष द्वारा सुझाये गए संशोधनों को केबिनेट की मंजूरी मिलने के बावजूद यह बिल राज्य सभा में पास नहीं हो सका। मानसून सत्र के आज आखिरी दिन सरकार तीन तलाक पर प्रस्तावित बिल को पास कराना चाहती थी लेकिन राज्य सभा में विपक्ष के हंगामे के कारण यह बिल पेश नहीं सका। बताया जा रहा है कि सरकार अब इस बिल को शीतकालीन सत्र में राज्य सभा में पास कराने की कोशिश करेगी। इससे पहले आज राज्य सभा में राफेल विमान डील को लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया।



शुक्रवार जब संसद की कार्यवाही शुरू हुई कांग्रेस ने राफेल का मुद्दा उठाया और जबरदस्त हंगामा किया। इसके बाद कई विपक्षी दलों ने तीन तलाक बिल पेश किए जाने का विरोध किया। हंगामे के चलते राज्यसभा को दोपहर 2.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। जिसके बाद कार्यवाही शुरू हुई। टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि शुक्रवार को प्राइवेट बिलों पर चर्चा होती है, ऐसे में सरकार तीन तलाक बिल कैसे ला सकती है। उनके अलावा भी आनंद शर्मा, रामगोपाल यादव ने बिल पेश करने का विरोध किया। सरकार ने इस दौरान राज्यसभा में संशोधित बिल की कॉपी सदस्यों को बांटी।                    



तीन तलाक बिल में संशोधन के बाद क्या बदला :                                           

संशोधन के बाद अब तीन तलाक देने का आरोपी व्यक्ति ज़मानत का हकदार होगा। वह मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किये जाने के समय ज़मानत के लिए आवेदन दे सकता है। हालांकि एक साथ तीन तलाक गैर जमानती अपराध की श्रेणी में ही रहेगा। बिल में आरोपी को अपराध साबित हो जाने के बाद तीन सील की सजा का प्रावधान है।                    

– ट्रायल से पहले पीड़िता का पक्ष सुनकर मजिस्ट्रेट दे सकता है आरोपी को जमानत।                   

– पीड़िता, परिजन और खून के रिश्तेदार ही एफआईआर दर्ज करा सकते हैं।                 

– मजिस्ट्रेट को पति-पत्नी के बीच समझौता कराकर शादी बरकरार रखने का अधिकार होगा।               

– एक बार में तीन तलाक बिल की पीड़ित महिला मुआवजे की अधिकार।

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