बड़ी खबर: मोदी सरकार के पास मॉब लिंचिंग की घटनाओं से संबंधित कोई विशेष आंकड़ा नहीं

Update: 2018-07-19 11:50 GMT

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने कहा कि देश में पीट पीट कर हत्या की घटनाओं से संबंधित कोई विशेष आंकड़ा सरकार के पास नहीं है और राज्य सरकारें कानून के मौजूदा प्रावधानों के तहत ऐसे अपराधों से निपटने में सक्षम हैं. गृह राज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने एक सवाल का जवाब देते हुए राज्यसभा में कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ऐसी घटनाओं के संबंध में कोई विशिष्ट आंकड़े नहीं रखता है. उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखना और जान-माल की रक्षा राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है. केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए गृह मंत्रालय ने राज्यों को समय-समय पर एडवाइजरी जारी की है. वहीं इसी महीने की चार तारीख को भी केंद्र ने राज्यों को एक एडवाइजरी जारी की थी.                


सुप्रीम कोर्ट ने मॉब लिंचिंग पर क्या कहा?                             

हाल ही में भीड़ की हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़े निर्देश जारी किए थे. कोर्ट ने कहा था कि केंद्र और राज्य 1 महीने में इन्हें लागू करें. साथ ही कोर्ट ने संसद से भी आग्रह किया है कि वो इस मसले पर कानून बनाए. कोर्ट का फैसला गौरक्षा के नाम पर होने वाली हिंसा पर रोकथाम के लिए दायर याचिकाओं पर आया है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ये साफ किया था कि वो हर तरह की भीड़ की हिंसा पर लगाम लगाने के लिए आदेश देगा. तीन जजों की बेंच का ये फैसला चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने पढ़ा. उन्होंने कहा, "भारत में बहुलतावादी संस्कृति है. इसकी रक्षा करना सरकार की ज़िम्मेदारी है. राज्यों का फर्ज है कि वो शांति व्यवस्था बनाए रखें. किसी भी तरह के भीड़ तंत्र की हमारे यहां कोई जगह नहीं है." 

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