BRRAKING: अब क्या होगा नितीश बाबू, जदयू के नेताओं ने भी शरद यादव को ही माना जदयू का असली मालिक!

Update: 2017-08-19 10:13 GMT

पटना: आज शरद यादव पटना तो जा रहे हैं, लेकिन वो जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल नहीं होंगे. जेडीयू से निष्कासित सांसद शरद यादव और अली अनवर ने मिलकर नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के ख़िलाफ श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में 'जन अदालत सम्मेलन' को संबोधित करेंगे. शरद यादव और अली अनवर का दावा है कि इस जन अदालत सम्मेलन में नीतीश कुमार के बीजेपी के साथ गठबंधन से नाराज जेडीयू के कई नेता भी शामिल होंगे.               


शरद यादव चुनाव आयोग में पेश करेंगे दावा                

शरद यादव अब इंतजार कर रहे हैं कि नीतीश कुमार पार्टी से बगावत के बाद उन्हें कब बाहर का रास्ता दिखाते हैं. सूत्रों की माने तो उसके बाद शरद यादव चुनाव आयोग में जेडीयू का असली उत्तराधिकारी होने का वैसे ही दावा पेश करेंगे, जैसे मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी पर अपने वर्चस्व को लेकर चुनाव आयोग में दावा किया था.                           


इसमें फर्क सिर्फ इतना है कि जब मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी पर अपने वर्चस्व का दावा किया था, तब कांग्रेस मुलायम सिंह यादव के खिलाफ और अखिलेश यादव के पक्ष में खड़ी थी और आखिर में फैसला अखिलेश यादव के पक्ष में आया था, लेकिन इस बार कांग्रेस शरद यादव के साथ और नीतीश कुमार के खिलाफ खड़ी होगी. इतना तय है कि आने वाले दिनो में कांग्रेस शरद यादव के कंधो का इस्तेमाल करके नीतीश कुमार को निशाना बनाएगी और बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश करेगी.


शरद यादव और नीतीश कुमार की जेडीयू पर वर्चस्व की लड़ाई में बीजेपी और कांग्रेस के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिलेगी. साथ ही चुनाव आयोग में बीजेपी और कांग्रेस के कानून के जानकारों के बीच आरोप-प्रत्यारोप की चुटीली नोकझोंक का नजारा देखने को भी मिलेगा. असल में शरद यादव के समर्थकों का कहना कि साल 1999 में नीतीश कुमार और जार्ज फर्नाडिस ने अपने राजनैतिक फायदे के लिए अपनी समता पार्टी का विलय शरद यादव की जेडीयू में किया था.

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