गोरखपुर सदर संसदीय सीट के उपचुनाव में बड़ा उलटफेर हुआ है। सपा ने 29 साल बाद भाजपा का किला ढहाया और 21,881 वोटों के अंतर से चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बड़ा झटका दिया है। यह सीट योगी आदित्यनाथ के सांसद पद छोड़ने के बाद खाली हुई थी। उनकी प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी थी। 1989 से ही यह सीट गोरक्षपीठ और भाजपा के पास थी। यही नहीं मुख्यमंत्री योगी ने जिस बूथ पर वोट डाला था, वहां भी भाजपा हार गई है। गोरखपुर सदर लोकसभा क्षेत्र की मतगणना बुधवार को सुबह आठ बजे से शुरू हुई। पहले चरण की मतगणना में भाजपा प्रत्याशी उपेंद्र दत्त शुक्ला आगे रहे। दूसरे चरण की मतगणना ने सपा प्रत्याशी प्रवीण कुमार निषाद ने बढ़त बनाई और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। बसपा, पीस पार्टी, निषाद पार्टी, रालोद और वामपंथी दलों के समर्थन से चुनाव मैदान में उतरी सपा की साइकिल तेज गति से दौड़ी और शहर के साथ ही ग्रामीण विधानसभा क्षेत्रों में खूब वोट बटोरे। गोरखपुर सदर संसदीय सीट के उपचुनाव में बड़ा उलटफेर हुआ है।
सपा ने 29 साल बाद भाजपा का किला ढहाया और 21,881 वोटों के अंतर से चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बड़ा झटका दिया है। यह सीट योगी आदित्यनाथ के सांसद पद छोड़ने के बाद खाली हुई थी। उनकी प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी थी। 1989 से ही यह सीट गोरक्षपीठ और भाजपा के पास थी। यही नहीं मुख्यमंत्री योगी ने जिस बूथ पर वोट डाला था, वहां भी भाजपा हार गई है। मुख्यमंत्री योगी का बूथ भी नहीं जीत सकी भाजपा सपा को मुस्लिम, यादव, दलित और निषादों के अच्छे वोट मिले हैं। वहीं उपचुनाव में कांग्रेस को करारी शिकस्त मिली है। कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. सुरहीता करीम की जमानत जब्त हो गई है।
उन्हें महज 18 हजार 844 वोट मिले हैं। सात और निर्दलीय प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई है। हालांकि उपचुनाव की मतगणना धीमी चली। पांच राउंड की मतगणना पूरी हो गई, फिर एक राउंड का नतीजा घोषित किया गया। इस पर कई बार विवाद भी हुआ और मामला चुनाव आयोग तक जा पहुंचा। सपा प्रत्याशी प्रवीण कुमार निषाद ने जिला निर्वाचन अधिकारी राजीव रौतेला पर चुनाव में धांधली करने का आरोप लगाया। इसे लेकर धरना-प्रदर्शन भी किया गया। शिकायत पर चुनाव आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारी से जवाब-तलब किया है।