Global Hunger Index 2020: ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत 94वें पायदान पर, पाकिस्तान-नेपाल और बांग्लादेश से भी पिछड़ा
Global Hunger Index 2020: बल हंगर इंडेक्स 2020 की रिपोर्ट (Global Hunger Index 2020)के अनुसार भारत 107 देशों की लिस्ट में 94 पायदान पर है। इन देशों में नेपाल, श्रीलंका, म्यामांर, पाकिस्तान, बांग्लादेश, इंडोनेशिया जैसे देश शामिल हैं।
नई दिल्ली: ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2020 की रिपोर्ट (Global Hunger Index 2020)के अनुसार भारत 107 देशों की लिस्ट में 94 पायदान पर है। इन देशों में नेपाल, श्रीलंका, म्यामांर, पाकिस्तान, बांग्लादेश, इंडोनेशिया जैसे देश शामिल हैं। जिससे भारत पिछड़ा हुआ है। सिर्फ 13 देश ही ऐसे हैं जिनसे भारत आगे हैं। ये देश हैं- रवांडा, नाइजीरिया, अफगानिस्तान, लीबिया, मोजाम्बिक और चाड।
रिपोर्ट के मुताबिक 27.2 के स्कोर के साथ भारत भूख के मामले में 'गंभीर' स्थिति में है। नेपाल (73), पाकिस्तान (88), बांग्लादेश (75), इंडोनेशिया (70) पायदान पर हैं। भारत से नीचे रवांडा (97), नाइजीरिया (98), अफगानिस्तान (99), लाइबेरिया (102), मोजाम्बिक (103), चाड (107) हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत की 14 प्रतिशत आबादी अल्पपोषित है। इसमें यह भी कहा गया है कि देश में 37.4 प्रतिशत बच्चों की स्टंटिंग दर दर्ज की गई। स्टंड बच्चे उन्हें कहा जाता है कि जिनकी लंबाई उनकी उम्र की तुलना में कम होती है और जिनमें अधिक कुपोषण दिखाई देता है।
भारत साल 2015 में 93वें, 2016 में 97वें, 2017 में 100वें, 2018 में 103वें और 2019 में 202वें स्थान पर रहा था। पिछली बार 117 देशों में भारत की रैंकिंग 102 थी। हालांकि इस साल भारत की रैंकिंग में सुधार हुआ है। लेकिन रिकॉर्ड दिखाते हैं कि भुखमरी को लेकर भारत में संकट बरकरार है।
हंगर इंडेक्स को लेकर वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने एक ट्वीट किया। जिसमे भूषण ने 'टाइम्स ऑफ इंडिया' का एक कार्टून शेयर कर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। वरिष्ठ वकील ने लिखा "भारत प्रति व्यक्ति आय घरेलू उत्पाद में बांग्लादेश के नीचे जाने के बाद, अब भारत ग्लोबल हंगर इंडेक्स में बांग्लादेश और पाकिस्तान से भी नीचे पहुंच गया है। बहुत अच्छा चल रहा है मोदीजी"
वहीं सरकार पर अपने कुछ खास 'मित्रों' की जेब भरने का आरोप लगाया है। राहुल गांधी ने शनिवार को अपने ट्वीट में लिखा, "भारत का ग़रीब भूखा है क्योंकि सरकार सिर्फ़ अपने कुछ ख़ास 'मित्रों' की जेबें भरने में लगी है।"