पटना। बिहार में जारी सांप्रदायिक हिंसा की वजह से पूरा राज्य एक सामाजिक और राजनीतिक संकट से गुजर रहा है। सांपद्रायिक उन्माद को नही रोक पाने के कारण सत्तापक्ष अपनी विफलताओं को लेकर लगातार विपक्ष के निशाने पर है। अभी तक राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यशैली को लेकर मुख्य विपक्षी दल राजद नेता तेजस्वी यादव हमलावर थे। लेकिन अब नीतीश कुमार के दल जदयू में भी उनके खिलाफ विरोध के स्वर उभरने लगे हैं। जदयू के वरिष्ठ नेता पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चैधरी ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि बिहार की हालात ठीक नहीं है और जल्द यहां राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए। उन्होंने बिहार को ऐसी स्थिति में लाने के लिए भाजपा और आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने कहा कि बिहार की हालत लगातार खराब हो रही है। ऐसे में बिहार की चिंता करना सबका कर्तव्य है। इस तरह तो चुप नहीं रहा जा सकता है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव में वो क्षमता है कि वो बिहार के अगले मुख्यमंत्री हो सकते हैं। बिहार में सांप्रदायिक दंगो की शुरुआत भागलपुर से होकर औरंगाबाद, समस्तीपुर, मुंगेर, नालंदा और नवादा पहुंच चुकी है। राज्य सरकार बढ़ती सांप्रदायिक हिंसा को रोक पाने में लगातार नाकाम रही है। इससे बिहार की राजनीति गरमा गयी है।