नई दिल्ली: भाजपा सरकार पर विपक्षी दल अक्सर विज्ञापन की सरकार होने का आरोप लगाते रहते हैं. अब विपक्षी दलों के आरोपों को और अधिक बल मिल गया है. 'पेट्रोल पंप का संचालन करने वाले डीलर्स से सरकारी तेल कंपनियों का कहना है कि वे 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले पीएम मोदी का फोटो अपने पेट्रोलपंप पर लगाएं.' अंग्रेजी अखबार 'द हिन्दू' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय पेट्रोलियम डीलर्स के संगठन के अध्यक्ष एसएस गोगी ने इस रिपोर्ट में कहा कि हमें कहा जा रहा है कि हम पीएम मोदी की तस्वीर अपने पेट्रोल पंप पर लगाएं.
जिन लोगों ने इस बात को मानने से इंकार किया है, उन्हें तेल की आपूर्ति बंद कर देने की धमकी दी जा रही है." एसएस गोगी ने दावा किया कि पेट्रोलियम विभाग की तरफ से सुझाए गए डिस्पले में सरकार की तरफ से गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को एलपीजी कनेक्शन मुहैय्या कराने वाली योजना भी शामिल है. डीलर्स ने कहा कि उन पर ये दबाव इंडियन आयल कॉर्पोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लि. और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लि. की ओर से बनाया जा रहा है. गोगी ने कहा कि, उनका संगठन अदलात जाने की तैयारी कर रहा है. गोगी का आरोप है कि सरकार ने पूरे देश के पेट्रोल पंप पर काम करने वाले 10 लाख कर्मचारियों की निजी जानकारियां भी उनसे मांगी हैं. गोगी के मुताबिक जो जानकारियां मांगी गईं हैं उसमें कर्मचारियों की जाति, धर्म और वह किस लोकसभा क्षेत्र भी शामिल है. उन्होंने कहा,"सरकार के द्वारा ऐसी जानकारी एकत्र किया जाना निजता का हनन है.
हम इसके खिलाफ अदालत में जाएंगे." गौरतलब है कि बीते सप्ताह की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि जून में हिंदुस्तान पेट्रोलियम, इंडियन आयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड और भारत पेट्रोलियम ने पूरे देश के 59,000 पेट्रोलियम डीलर्स को एक चिट्ठी लिखी थी कि वह अपने कर्मचारियों की जानकारियां उन्हें भेजें ताकि प्रधानमंत्री स्किल डेवेलपमेंट योजना के तहत प्राथमिक शिक्षण योजना में उन कर्मचारियों की पहचान की जा सके. डीलरों ने दावा किया था कि सरकार के द्वारा नियंत्रित तेल कंपनियां उन पर जानकारियां देने को लेकर दबाव बना रही हैं. जानकारी न देने की हालत में उन्हें पेट्रोल पंप के लिए तेल आपूर्ति रोकने की धमकी भी दी जा रही है.