किसान आंदोलन से खतरे में खट्टर सरकार, जजपा में टूट की आशंका से घबराए चौटाला

हरियाणा सरकार से किसानों की नाराजगी इस हद तक बढ़ चुकी है कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर करनाल में किसान महापंचायत के नहीं कर सके थे।

Update: 2021-01-14 12:50 GMT

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन की आंच हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार तक पहुंच गई है। किसान आंदोलन के कारण हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार की दिक्कतें बढ़ने लगी हैं। जजपा नेता व राज्य के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की पार्टी के 10 में से 7 विधायक किसानों के मुद्दों के साथ हैं। ऐसे में खट्टर सरकार की मुसीबत मैं फंसती दिख रही है। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उन्हें सारी स्थिति से अवगत कराया है।

खट्टर को रद्द करनी पड़ी किसान महापंचायत

हरियाणा सरकार से किसानों की नाराजगी इस हद तक बढ़ चुकी है कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर करनाल में किसान महापंचायत के नहीं कर सके थे। उनकी महापंचायत से पहले ही किसानों ने मंच को तहस-नहस कर दिया था और जमकर तोड़फोड़ की थी। पुलिस व प्रशासन की कार्रवाई के बावजूद किसान पीछे हटने को तैयार नहीं थे और आखिरकार खट्टर को अपनी किसान महापंचायत रद्द करनी पड़ी। बाद में उन्होंने इस विरोध के लिए कांग्रेस और लेफ्ट को जिम्मेदार बताया था।

शाह को दी सियासी हालात की जानकारी

हरियाणा में खट्टर सरकार जजपा के समर्थन पर टिकी है और जजपा विधायकों की किसान आंदोलन को लेकर नाराजगी बढ़ती जा रही है। इस सिलसिले में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने मंगलवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल व अन्य प्रमुख नेताओं के साथ गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। उन्होंने राज्य में बन रही सियासी स्थितियों से शाह को अवगत कराया था। सरकार में भाजपा की सहयोगी जजपा इस मुद्दे पर दो फाड़ है और उसके 10 में से 7 विधायक किसान आंदोलन के साथ हैं। यही कारण है कि चौटाला जल्द से जल्द किसानों की इस समस्या का समाधान चाहते हैं।

जजपा विधायकों के टूटने का खतरा

दूसरी ओर राज्य में कांग्रेस भी सक्रिय हो गई है और उसने किसान आंदोलन को लेकर दबाव बढ़ा दिया है। इससे जजपा के विधायकों के टूटने का भी खतरा पैदा हो गया है। यही कारण है कि दुष्यंत ने पहले मुख्यमंत्री के साथ अमित शाह से मुलाकात की और अब उन्होंने इस गंभीर समस्या के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी बातचीत की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दुष्यंत चौटाला की मुलाकात करीब एक घंटे तक चली। जानकार सूत्रों का कहना है कि इस मुलाकात के दौरान किसान आंदोलन और हरियाणा सरकार के भविष्य को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। हालांकि भाजपा और जजपा की ओर से इस मुलाकात का कोई ब्योरा नहीं दिया गया है। पीएम से मुलाकात के बाद चौटाला सीधे चंडीगढ़ के लिए रवाना हो गए।

विधायकों के रुख से चौटाला की मुसीबत बढ़ी

सियासी जानकारों का कहना है कि हालांकि चौटाला की ओर से यह दावा किया जा रहा है कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार को कोई खतरा नहीं है और सरकार 5 साल का अपना कार्यकाल पूरा करेगी मगर सच्चाई इसके विपरीत है।जानकारों के मुताबिक जजपा के सात विधायक किसान संगठनों की मांगों का समर्थन कर रहे हैं और ऐसे में दुष्यंत चौटाला गहरी मुसीबत में फंस गए हैं। यही कारण है कि पार्टी को टूट से बचाने के लिए वे भाजपा हाईकमान से जल्द से जल्द किसानों की समस्या का समाधान करने की गुहार लगा रहे हैं।

राज्य में कांग्रेस ने बढ़ाया दबाव

दूसरी ओर कांग्रेस किसानों की मांगों को लेकर लगातार हमलावर है। पार्टी के नेता राहुल गांधी के साथ ही राज्य कांग्रेस के नेता भी खट्टर सरकार को किसान विरोधी बताते हुए उस पर हमला करने में जुटे हुए हैं। राज्य कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि खट्टर सरकार किसानों की समस्या के प्रति उदासीन बनी हुई है और ऐसी सरकार को सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है। इन सियासी परिस्थितियों में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की दिक्कतें दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं।

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