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बिहार में फिर गरमाई राजनीती, नितीश ने लालू की ये बात मानकर कर किया ये बड़ा एलान।

बिहार में फिर गरमाई राजनीती, नितीश ने लालू की ये बात मानकर कर किया ये बड़ा एलान।
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नई दिल्ली: दिन प्रतिदिन बिहार में सृजन घोटाले के रूप में चारा घोटाले से भी बड़ा घोटाला सामने आया है। इस घोटाले को लेकर सूबे में एक बार फिर से राजनितिक उफान पर है क्यूंकि सृजन घोटाले में सत्तारूढ़ जद्यू-भाजपा के कई बड़े सांसदों और नेताओं का नाम सामने आ रहा है जैसे गोड्डा से बीजीपी सांसद निशिकांत दूबे का नाम इसमें प्रमुखता से आ रहा है। इसकी खास वजह ये है की भागलपुर में जिस जमीन पर कथित रूप से सृजन के पैसे से मॉल बन रहा है वो जमीन इसी सांसद के नाम से है। सृजन घोटाले का सबसे मुख्य पहलु ये है की जब ये घोटाला हुआ था तब बिहार में नितीश कुमार की सरकार थी और अभी में भी बही मुख्यमंत्री है। सृजन घोटाले में नित्य नए खुलासे हो रहें है और मुख्य विपक्षी पार्टी राजद इस मुद्दे को लेकर सत्तारूढ़ नितीश सरकार को जमकर घेर रही है और इस पर जांच करवाने की लगातार मांग कर रही है।



राजद के इस रवैये से नितीश कुमार खुद फंस गए है और कुछ करने की स्तिथि में नहीं है लेकिन सूत्रों से हवाले से ये खबर आयी है की लालू ने खुद नितीश कुमार को 1000 करोड़ से अधिक के सृजन घोटाले में CBI जाँच कराने की मांग की थी। नितीश ने उनकी ये बात मानते हुए नितीश कुमार ने CBI जाँच के आदेश दे दिए है। नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव अंजनी सिंह, गृह सचिव आमिर सुबहानी, डीजीपी पीके ठाकुर और अपराध इकाई के पुलिस महानिरीक्षक जीएस गंगवार के साथ बैठक के बाद यह निर्देश दिया। गौरतलब है की सृजन घोटाला अब तक का बिहार में सबसे बड़ा घोटाला है। इस घोटाले के सामने चारा घोटाला कहीं नहीं ठहरता है। आपको बता दें ये ये घोटाला बहुत की सावधानी से अंजाम दिया गया है और तमाम तरह के तकनिकी पहलुओं पर ध्यान दिया गया।



आपको बता दें की सृजन संस्थान दो तरीके से सरकारी खजाने से पैसे की अवैध रूप से निकासी करता था। एक तरीका था स्वाइप मोड और दूसरा था चेक मोड। स्वाइप मोड के जरिए भारी रकम राज्य सरकार या केंद्र सरकार द्वारा भागलपुर जिले के सरकारी खातों में जमा कराए जाते थेबैंक के अधिकारी भी इस पूरे गोरखधंधे में शामिल थे. वह सरकारी खाते में इस पैसे को जमा नहीं दिखाकर 'सृजन' के खाते में इस पूरे पैसे को जमा कर दिया करते थे। दूसरा तरीका था चेक मोड, जहां पर राज्य सरकार या केंद्र सरकार जो भी पैसे भागलपुर जिले के सरकारी खातों में जमा कराना था वह चेक के माध्यम से किया जाता था। एक बार सरकारी खाते में चेक जमा हो जाता था तो फिर जिलाधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर से अगले दिन वही राशि 'सृजन' के अकाउंट में जमा करा दिया करते थे।

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