बड़ी खबर: भरी सभा में फिर झूट बोलते पकडे गए PM मोदी, कांग्रेस ने कागज देखकर भाषण देने की दी सलाह
BY Jan Shakti Bureau4 May 2018 11:44 AM IST
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Jan Shakti Bureau4 May 2018 5:26 PM IST
कर्नाटक में चुनावी सभा के दौरान गुरुवार (3 मई) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गलत तथ्य बता बैठे, जिसके बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने उनका मजाक उड़ाना शुरू कर दिया। सोशल मीडिया के अलावा पीएम मोदी की इस गलती के बाद विपक्षी दलों ने निशाना साधना शुरू कर दिया है। पीएम ने रैली में पूर्व रक्षामंत्री वी के कृष्ण मेनन के कार्यकाल के बारे में जो बातें कहीं, उसपर स्वराज अभियान के अगुआ योगेंद्र यादव ने भी सवाल खड़े किए है।
Karnataka is synonymous with valour. But, how did the Congress Govts treat Field Marshall Cariappa and General Thimayya? History is proof of that. In 1948 after defeating Pakistan, General Thimayya was insulted by PM Nehru and Defence Minister Krishna Menon: PM Modi pic.twitter.com/OGOUaQDvEe
— ANI (@ANI) May 3, 2018
इतना ही नहीं उन्होंने पीएम को सलाह भी दी है।दरअसल पीएम मोदी ने रैली को संबोधित करते हुए कहा, 'कर्नाटक वीरता की पर्यायवाची है लेकिन कांग्रेस ने फील्ड मार्शल के एम करियप्पा और जनरल थिमाया के साथ क्या किया? इतिहास इसका एक सबूत है। 1948 में पाकिस्तान को हराने के बाद जनरल थिमाया को प्रधानमंत्री नेहरू और रक्षामंत्री कृष्ण मेनन ने अपमानित किया था।'पीएम मोदी का यह बयान सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया, क्योंकि पीएम मोदी ने गलत तथ्य पेश किया था।
Modi ji,
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) May 3, 2018
Better start reading from a paper to brush up your knowledge of history.
Gen Thimayya became Army Chief only on 8th May 1957 and not 1947 as you alleged.
V K Krishna Menon was ambassador to UK between 1947-52 & not Defence Minister as you alleged.
दरअसल कृष्णा मेनन साल 1957 में देश के रक्षामंत्री बने थे। यही वजह रही कि सोशल मीडिया पर पीएम मोदी के इस बयान का खूब मजाक उड़ा। थिमैया के बारे में इस टिप्पणी पर कांग्रेस ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इतिहास का बेहतर ज्ञान हासिल करने की कोशिश करनी चाहिए। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, "मोदी जी, बेहतर होगा कि आप कागज देखकर पढ़ना शुरू कर दीजिये ताकि इतिहास का आपका ज्ञान ठीक हो सके।" सुरजेवाला ने कहा कि जनरल थिमैया 1948 में सेना प्रमुख नहीं थे।
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