मोदी के चार साल: महिलाओं के लिए दुनिया का 'सबसे खतरनाक' देश बना भारत, सीरिया और अफगानिस्तान को भी पछाड़ा
BY Jan Shakti Bureau26 Jun 2018 10:00 AM GMT
![मोदी के चार साल: महिलाओं के लिए दुनिया का सबसे खतरनाक देश बना भारत, सीरिया और अफगानिस्तान को भी पछाड़ा मोदी के चार साल: महिलाओं के लिए दुनिया का सबसे खतरनाक देश बना भारत, सीरिया और अफगानिस्तान को भी पछाड़ा](https://www.janshakti.co.in/h-upload/uid/22387ofSQZ3wazvC8VD8rBoAo7UjPMjoadycG7388557.jpg)
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Jan Shakti Bureau26 Jun 2018 3:35 PM GMT
नई दिल्ली: आज से ठीक चार साल पहले मोदी ने देशवासियों के सामने एक नारा दिया था। बहुत हुआ महिलाओं पर अत्याचार, अबकी बार मोदी सरकार। लेकिन मोदी सरकार के चार साल बाद देश की स्थिति ऐसी हो गई है कि दुनिया के मानचित्र पर भारत महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक देश बन गया है। जी हां…थॉमसन रॉयटर्स फांउडेशन के एक सर्वे के मुताबिक महिलाओं के प्रति यौन हिंसा और वैश्यावृति में धकेले जाने के आधार पर भारत को महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक बताया गया है।
मोदी जी क्या ये है आपका नया भारत ?
एक समय था जब पीएम मोदी ने देश नहीं झुकने देने की बात कहा था, लेकिन उनके ही कार्यकाल में भारत देश पर कभी ना मिटने वाला बदनुमा दाग लग गया है। हैरानी की बात तो ये है कि इस सर्वे में भारत को महिलाओं के लिए गृहयुद्धा से जूझ रहे सीरिया और युद्धग्रस्त अफगानिस्तान से भी ज्यादा खरतनाक बताया गया है। यानी महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित। इससे साबित होता है कि 6 साल पहले राजधानी दिल्ली में निर्भया कांड के बाद भारी विरोध प्रदर्शन के बावजूद महिलाओं की सुरक्षा के लिए भारत सरकार ने पर्याप्त कदम नहीं उठाए। इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि साल 2011 में हुए एक सर्वे के मुताबित अफगानिस्तान कॉन्गो,पाकिस्तान, भारत और सोमालिया महिलाओं के लिए सबके खतरनाक देश माने जाते थे। लेकिन इस साल महिलाओं के होने वाले अपराधों के मामले में हिन्दुस्तान टॉप पर पहुंच गया है।
महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित भारत
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं को लेकर इस सर्वे पर मोदी सरकार का महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। सवाल उठता है कि मेनका गांधी के अंतर्गत आने वाला ये मंत्रालय आखिर चुप क्यों है ? ये वहीं मेनका गांधी है जिन्होंने राजधानी दिल्ली के बसों में सीसीटीवी लगाने की प्रोजेक्ट को मंजूरी देने से मना कर दिया था। दिल्ली सरकार की डीटीसी बसों में निर्भया फंड से सीसीटीवी लगाने की योजना बनाई थी। लेकिन मेनका गांधी ने ये कहते हुए योजना को खारिज कर दिया कि बसों में सीसीटीवी लगाना जनता के पैसे की बर्बादी है।
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