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अभी-अभी: 20 से ज़्यादा विधायकों के साथ आज नीतीश सरकार को गिराने की जुगत में शरद यादव, जदयू कार्यकारिणी के जवाब में कर रहे हैं "जन अदालत"

अभी-अभी: 20 से ज़्यादा विधायकों के साथ आज नीतीश सरकार को गिराने की जुगत में शरद यादव, जदयू कार्यकारिणी के जवाब में कर रहे हैं जन अदालत
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पटना में आज नीतीश कुमार और शरद यादव की अगुवाई वाले जदयू के प्रतिद्वंद्वी धड़े पटना में अपनी अलग-अलग बैठकें करेंगे, जिससे ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि पार्टी जल्द ही पार्टी दो फाड़ हो सकती है । सूत्रों की माने तो JDU के 20 से अधिक विधायक शरद यादव के संपर्क में हैं, जो किसी भी समय नितीश सरकार को अल्पमत में करने में सक्षम हैं। आप को बता दें की जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार 19 अगस्त को पटना में अपने सरकारी आवास पर पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है, जिसमें पार्टी भाजपा की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल होने का न्यौता औपचारिक तौर पर स्वीकार कर सकती है । भाजपा से हाथ मिलाने के नीतीश के फैसले का विरोध कर रहे शरद यादव के करीबी नेता भी एस के मेमोरियल हॉल में 'जन अदालत' नाम का एक कार्यक्रम करने वाले हैं । दोनों बैठकों से साफ हो जाता है कि जदयू में दरार पड़ चुकी है और पार्टी टूट की ओर बढ़ रही है । बहरहाल, जदयू के प्रधान महासचिव के सी त्यागी ने कहा कि पार्टी में कोई दरार नहीं है और ''शरद यादव स्वेच्छा से छोड़कर गए हैं ।'' त्यागी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि मुख्यमंत्री के एक अणे मार्ग स्थित आवास पर पार्टी का आधिकारिक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा । पार्टी को पहले 23-24 जुलाई को दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित करनी थी। लेकिन बाद में तारीख बदलकर 19 अगस्त कर दी गयी और बैठक का स्थान बदलकर पटना कर दिया गया।


राष्ट्रीय कार्यकारिणी का एजेंडा पूछे जाने पर त्यागी ने कहा कि इसमें महागठबंधन से अलग होने और ''राज्य हित'' में भाजपा के साथ सरकार बनाने के पार्टी के बिहार इकाई के फैसले को मंजूरी दी जाएगी । नीतीश ने साफ कर दिया था कि पार्टी की बिहार इकाई की इच्छा के मुताबिक वह जदयू, राजद और कांग्रेस के महागठबंधन से बाहर निकले हैं ।उन्होंने कहा था कि चुनाव आयोग में जदयू बिहार की क्षेत्रीय पार्टी के तौर पर पंजीकृत है। त्यागी ने कहा कि पार्टी को राजग में शामिल करने के भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के न्यौते पर भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी अपनी सहमति देगी । शरद गुट की ओर से आयोजित होने वाले 'जन अदालत' नाम के कार्यक्रम के बारे में त्यागी ने कहा कि यह पार्टी का आधिकारिक कार्यक्रम नहीं है । बिहार जदयू के प्रमुख प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि 'जन अदालत' से हमारा कोई लेना-देना नहीं है । बागी नेताओं ने पटना में कुछ पोस्टर लगाए हैं, जिनमें लिखा है, ''जन अदालत का फैसला….महागठबंधन जारी है।'' इन पोस्टरों पर शरद यादव, जदयू के राज्यसभा सदस्य अली अनवर और पूर्व मंत्री रमई राम की तस्वीरें हैं ।इधर दिल्ली में नीतीश पर हमला तेज करते हुए राज्यसभा सांसद अली अनवर अंसारी ने जोर देकर कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री का विरोध कर रहे लोग ही ''असली जदयू'' है और नीतीश ''भाजपा जनता दल का प्रतिनिधित्व'' कर रहे हैं ।


पार्टी में ''फूट'' की बात स्वीकार करते हुए अंसारी ने कहा कि शरद जी को राज्यसभा में पार्टी के नेता पद से हटाए जाने पर जदयू कार्यकर्ताओं में ''भारी नाराजगी'' है । उन्होंने कहा कि शरद जी सहित पार्टी के सभी नेता पटना में मौजूदा घटनाओं पर चर्चा करेंगे और बाद में बिहार के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे । पार्टी से निलंबित कर दिए गए पूर्व राष्ट्रीय महासचिव अरूण कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि फूट की स्थिति में पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावे के लिए बागी गुट चुनाव आयोग का रुख कर सकता है ।श्रीवास्तव ने कहा, ''वैसे तो मैं नहीं समझता कि नीतीश पार्टी के चुनाव चिह्न पर दावा करेंगे, क्योंकि उन्हें पार्टी या इसके चुनाव चिह्न से कोई प्यार नहीं है, लेकिन जरूरत पड़ी तो हम निश्चित तौर पर चुनाव आयोग का रुख करेंगे ।'' अरुण श्रीवास्तव ने यह दावा भी किया कि बिहार और झारखंड को छोड़कर पार्टी की सभी प्रदेश इकाइयां शरद यादव के समर्थन और नीतीश के विरोध में हैं । उन्होंने कहा, ''हमें 14 प्रदेश इकाइयों के अध्यक्षों से समर्थन पत्र प्राप्त हुआ है, जो जदयू और भाजपा के गठबंधन के विरोध में हैं ।


उन्होंने पटना में होने वाले सम्मेलन में शामिल होने की इच्छा जताई, लेकिन वे शामिल नहीं हो पाएंगे, क्योंकि आनन-फानन में इसका आयोजन हो रहा है।'' पार्टी के पूर्व महासचिव ने स्पष्टीकरण मांगे बगैर पार्टी के नेताओं को हटाने में ''लोकतांत्रिक मानकों'' का पालन नहीं करने को लेकर नीतीश पर हमला बोला । उन्होंने कहा, ''मुझे न तो कोई नोटिस दिया गया और न ही स्पष्टीकरण मांगा गया । शरद यादव, अली अनवर और बिहार में पार्टी से हटाए गए 21 अन्य नेताओं के साथ भी ऐसा ही हुआ ।'' श्रीवास्तव ने नीतीश का पक्ष लेने पर जदयू के वरिष्ठ नेता के सी त्यागी पर भी निशाना साधा और कहा कि ''सत्ता के लालच'' में वह ऐसा कर रहे हैं ।

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