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मोदी राज: विदेशी कर्ज में डूबा भारत, वित्‍त मंत्रालय के विभाग ने दी चौकाने वाली रिपोर्ट, जाने

मोदी राज: विदेशी कर्ज में डूबा भारत, वित्‍त मंत्रालय के विभाग ने दी चौकाने वाली रिपोर्ट, जाने
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भारत सरकार के वित्‍त मंत्रालय के आर्थिक मामलों का विभाग दिसम्‍बर 2017 के आखिर में भारत के विदेशी ऋण की स्थिति कितनी है इसके बारे में पत्र एवं सूचना कार्यालय की तरफ से आंकड़ो सहित जानकारी दी है। दिसम्‍बर 2017 के आखिर में भारत पर कुल मिलाकर 513.4 अरब अमेरिकी डॉलर का विदेशी ऋण आंका गया, जो मार्च 2017 के आखिर में दर्ज किये गये विदेशी ऋण की तुलना में 8.8 प्रतिशत (41.6 अरब अमेरिकी डॉलर) अधिक है। इस अवधि के दौरान विदेशी ऋण में वृद्धि मुख्‍यत: वाणिज्यिक उधारियां, एनआरआई जमाएं और अल्‍पकालिक ऋण बढ़ जाने के कारण दर्ज की गई। तिमाही आधार पर गौर करने पर पता चलता है कि दिसम्‍बर 2017 के आखिर में भारत का कुल विदेशी ऋण सितम्‍बर 2017 के आखिर की तुलना में 3.6 प्रतिशत (17.6 अरब अमेरिकी डॉलर) अधिक रहा।



भारत के विदेशी ऋणों की परिपक्‍वता के रुख से दीर्घकालिक उधारियों के वर्चस्‍व के बारे में पता चलता है। दिसम्‍बर 2017 के आखिर में भारत के कुल विदेशी ऋण में दीर्घकालिक विदेशी ऋणों की हिस्‍सेदारी 81 प्रतिशत रही, जबकि अल्‍पकालिक विदेशी ऋणों की हिस्‍सेदारी 19 प्रतिशत रही। दिसम्‍बर 2017 के आखिर में दीर्घकालिक ऋण 415.8 अरब अमेरिकी डॉलर आंका गया जो मार्च 2017 के आखिर में दर्ज दीर्घकालिक ऋणों की तुलना में 8.4 प्रतिशत (32.1 अरब अमेरिकी डॉलर) अधिक है।



दिसम्‍बर 2017 के आखिर में अल्‍पकालिक विदेशी ऋण 10.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाते हुए 97.6 अरब अमेरिकी डॉलर के स्‍तर पर पहुंच गया और कुल ऋणों में इसकी हिस्‍सेदारी 19 प्रतिशत रही जो मार्च 2017 में दर्ज 18.7 प्रतिशत की हिस्‍सेदारी की तुलना में अधिक है। दिसम्‍बर 2017 के आखिर में कुल विदेशी ऋण के लिए विदेशी मुद्रा कवर बढ़कर 79.7 प्रतिशत हो गया जो मार्च 2017 के आखिर में 78.4 प्रतिशत था।

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