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Madhav Sinh Solanki Died: दिग्गज कांग्रेसी नेता की मौत, 4 बार रहे सीएम, निधन से पार्टी में कोहराम

कांग्रेस के दिग्गज नेता माधव सिंह सोलंकी का निधन आज 94 साल की उम्र में निधन हो गया है। माधव सिंह सोलंकी चार बार गुजरात के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। माधव सिंह सोलंकी भारते के विदेश मंत्री भी रह चुके हैं।

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Madhavsinh Solanki Died: दिग्गज कांग्रेसी नेता की मौत, 4 बार रहे सीएम, निधन से पार्टी में कोहराम

जनशक्ति: कांग्रेस के दिग्गज नेता माधव सिंह सोलंकी का निधन आज 94 साल की उम्र में निधन हो गया है। माधव सिंह सोलंकी चार बार गुजरात के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। माधव सिंह सोलंकी भारते के विदेश मंत्री भी रह चुके हैं। 30 जुलाई 1927 को एक कोली परिवार में जन्में माधव सिंह सोलंकी कांग्रेस के बड़े नेता माने जाते थे। माधव सिंह सोलंकी भारत के विदेश मंत्री भी रह चुके हैं। उन्होंने केएचएएम यानी (क्षत्रिय, हरिजन, आदिवासी और मुस्लिम) थ्योरी का जनक माना जाता है। वे गुजरात की राजनीति और जातिगत समीकरणों के साथ प्रयोग कर सत्ता में आये थे।

माधव सिंह सोलंकी पेशे से थे वकील

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता माधव सिंह सोलंकी पेशे से वकील थे। सोलंकी पहली बार वर्ष 1977 में अल्पकाल के लिए सीएम बने थे। 1980 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को गुजरात में जोरदार बहुमत मिला था। वर्ष 1981 में सोलंकी ने सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए आरक्षण लागू किया था। जिसके बाद में राज्य में इसका जमकर विरोध हुआ था। इस हंगामें के दौरान कई लोगों की मौत हुई थी।

बता दें कि आरक्षण लागू करने से पहले माधव सिंह सोलंकी क्षत्रिय, हरिजन, आदिवासी और मुस्लिम के फार्मूला लागू कर चुके थे। इसलिए उन्हें केएचएएम से जुड़ी जातियों का समर्थन मिला। लेकिन पटेल, ब्राह्मण, बनिया जैसी जातियों का विरोध झेलना पड़ा। राज्य में हिंसा के बाद सोलंकी ने 1985 में इस्तीफा दे दिया। लेकिन अगले विधानसभा चुनाव में केएचएएम फार्मूले के दम पर बंपर वोटों से चुनाव जीतकर आए।

KHAM थ्योरी के बल पर 4 बार आए सत्ता में

माधव सिंह सोलंकी खाम थ्योरी के जनक माने जाते हैं। खाम थ्योरी गुजरात की राजनीति और जातिगत समीकरणों के साथ सत्ता में आने का एक प्रयोग था, जिसमे सोलंकी सफल रहे और 4 बार सीएम की कुर्सी तक पहुंचे। खाम यानी क्षत्रिय, हरिजन, आदिवासी और मुस्लिम। इन चार वर्गों को एक साथ जोड़ उन्हने प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता हासिल की। वहीं इसी समीकरण के जरिये सोलंकी ने गुजरात की सत्ता से अगड़ी जातियों को कई साल के लिए बाहर कर दिया।

गौरतलब है कि कांग्रेस नेता भरत सिंह सोलंकी उनके बेटे हैं। भारत सिंह सोलंकी खुद यूपीए की सरकार के दौरान ऊर्जा राज्यमंत्री रह चुके हैं। अगस्त में भरत सिंह सोलंकी कोरोना पॉजिटिव हो गए थे। पिता की मौत के बाद भरत सिंह सोलंकी को पार्टी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं की तरफ से शोक संवेदनाएं मिल रही हैं।

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